इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार यह साजिश के तहत कर रही है, ताकि रेल विभाग को घाटे में दिखाकर इसका निजीकरण किया जा सके। रेलवे द्वारा बुजुर्गों और विद्यार्थियों को रेल टिकट में दी जाने वाली छूट को भी समाप्त कर दिया गया है।
अचानक गाडिय़ों के निरस्त होने के कारण छत्तीसगढ़ से रेल में सफर करने वाले यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर ऐसे लोग जो पहले ही टिकट बुक करा लेते हैं, उन्हें अचानक गाडिय़ों को निरस्त किए जाने से काफी परेशानी हो रही है।
इन परेशानियों को देखते हुए पीसीसी द्वारा 9 सितंबर से चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है। आंदोलन में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, सैयद अख्तर हुसैन, दुर्गेश गुप्ता, सत्येन्द्र तिवारी, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, विकल झा, जगन्नाथ कुशवाहा, चुनमुन तिवारी, अनूप मेहता, कलीम अंसारी, अमित सिंह, रजनीश सिंह, बबन सोनी, पपन सिन्हा, पंकज शुक्ला, हिमांशु जायसवाल,
आशीष जायसवाल, चंद्रप्रकाश सिंह, रोशन कन्नौजिया, हरभजन सिंह भामरा, रसीद खान, दिनेश शर्मा, केदार यादव, ओनिमेश सिन्हा, कालिंदी यादव, हमीदा बेगम, सपना सिन्हा, शकीला सिद्धकी, रुबी जैन, ज्योति सिंह, प्रिंस विश्वकर्मा, अनिकेत सोनी, शशी शर्मा, शशिकांत, शुभम गुप्ता, आशीष जायसवाल, संजय, धीरज, विशाल, दीपू, गुंजन व राहुल उपस्थित थे।
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प्रतीकात्मक आंदोलन की ये है वजहजिला कांग्रेस कमेटी ने अंबिकापुर रेलवे स्टेशन पर दोपहर 12.20 पर जाने वाली अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ मेमु के समक्ष रेल रोको आंदोलन करने का निर्णय लिया था। प्रारंभ से यह तय किया गया था कि रेल रोको आंदोलन रवानगी से 10 मिनट पूर्व प्रतीकात्मक रहेगा।
रवानगी के समय ट्रेन को बाधित कर रेल यात्रियों को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा। पार्टी का उद्देश्य सांकेतिक आंदोलन के माध्यम से यात्रियों को हो रही असुविधा से केंद्र सरकार को अवगत कराना था। इसकी सूचना पूर्व में ही रेलवे को दी गई थी।