वहीं ग्रामीण भी रुपए के लालच में जान की बाजी लगाकर अवैध खदान से कोयला निकालते हैं। अब तक अवैध खदान धसकने से कई ग्रामीणों की जान भी जा चुकी है। इस गोरखधंधे पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं है।
गौरतलब है कि अविभाजित सरगुजा में एसईसीएल की खदानों से सटे ग्रामों में अवैध कोयला खदान की भरमार है। इसके अलावा सूरजपुर जिले के अधिकांश इलाकों में जमीन के नीचे कोयला होने की वजह से यहां भी जगह-जगह अवैध खदान तस्करों द्वारा बना दिए गए हैं।
कोयले का अवैध कारोबार एक संगठित गिरोह द्वारा वर्षों से सरगुजा में किया जा रहा है। ऐसे भी आरोप लगते हैं कि स्थानीय थानों के संरक्षण में यह कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। कोल तस्कर स्थानीय ग्रामीणों की मदद से अवैध खदानों से कोयला निकलवाते हैं, फिर एक जगह डंप कर उसे अवैध ईंट भट्ठों में खपाया जाता है।
अविभाजित सरगुजा के अधिकांश ईंट भ_े चोरी के कोयले से ही सुलग रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों द्वारा किसी भी प्रकार की जांच या कार्रवाई नहीं किए जाने से उनकी भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
इन स्थानों पर अवैध कोयला खदान
अविभाजित सरगुजा के केंवरा, बगड़ा, पलढ़ा, सपना-सुखरी, बेलढाब, कालापारा, गुमगरा, परसोढ़ी, कटकोना सहित अन्य कई ऐसे इलाके हैं जहां अवैध खदान संचालित है। ये खदान तस्करों के लिए सोने के खान से कम नहीं हैं। दिन-रात यहां से कोयला निकालकर तस्करी की जाती है।
अविभाजित सरगुजा के केंवरा, बगड़ा, पलढ़ा, सपना-सुखरी, बेलढाब, कालापारा, गुमगरा, परसोढ़ी, कटकोना सहित अन्य कई ऐसे इलाके हैं जहां अवैध खदान संचालित है। ये खदान तस्करों के लिए सोने के खान से कम नहीं हैं। दिन-रात यहां से कोयला निकालकर तस्करी की जाती है।
ऐसे आरोप भी लगते रहते हैं कि विभिन्न क्षेत्रों में कोयले का अवैध कारोबार स्थानीय पुलिस के साथ ही खनिज विभाग की मिलीभगत से ही हो रहा है। हर माह एक तय कमीशन विभागों का भी बंधा रहता है। उक्त क्षेत्रों में चोरी का कोयला ईंट-भट्ठों में खपाया जा रहा है।
जान की परवाह नहीं करते ग्रामीण
कोल तस्कर ग्रामीणों को रुपए का लालच देकर इनसे अवैध कोयला खदानों में खनन का काम करते हैं। ग्रामीण भी लालच में अपनी जान की परवाह किए बगैर अवैध खदानों से दिन-रात कोयला निकालते हैं, फिर बोरियों में भरकर तस्करों द्वारा बताई गई जगह पर डंप कर देते हैं।
प्रति बोरी के हिसाब से तस्कर उन्हें रुपए दे देते हैं। अक्सर अवैध खदानों से कोयला निकालने के दौरान ग्रामीणों की मौत की खबरें आती रहतीं हैं। पूर्व में ऐसे कई हादसे हो चुके हैं।
अब तक नहीं मिली है शिकायत
ईंट भ_ों में चोरी का कोयला खपाए जाने के संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा है तो जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
भूपेंद्र चंद्राकर, जिला खनिज अधिकारी