बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के बलरामपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिधमा निवासी अनिमा भुइयां पति साकेत 22 वर्ष 6 माह की गर्भवती है। वह गांव के ही आंगनबाड़ी में रूटीन चेकअप कराती थी। इसी बीच गर्भ में बच्चे की हलचल नहीं होने पर पर वह पति के साथ 4 अप्रैल को अंबिकापुर के एक निजी सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी कराने आई। यहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे बताया कि बच्चे की मृत्यु हो चुकी है। यह सुनकर पति-पत्नी के होश उड़ गए। वे तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों को पूरी बात बताई।
5 दिन से गर्भ में ही मृत बच्चा
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर ने महिला को भर्ती किया और दवाइयां दीं। डॉक्टर पिछले 5 दिन से बच्चे के नॉर्मल बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में महिला की जान को खतरा हो सकता है। इधर महिला की स्थिति फिलहाल सामान्य बताई जा रही है।
मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है केस
ऐसे केस में बच्चे के नॉर्मल बाहर आने का इंतजार करते हैं। यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है कि उसकी हालत कैसी है। पहले दवा देकर स्थिति देखते हैं। कंडिशन बिगडऩे पर ऑपरेशन कर बच्चे को बाहर निकाला जाता है।
आरसी आर्या, एमएस, मेडिकल कॉलेज अस्पताल
एक्सपर्ट व्यू
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि गर्भ में यदि बच्चे की मौत हो जाती है तो 48 घंटे के भीतर उसे बाहर निकालना रहता है। ऐसा नहीं करने पर गर्भ में ही बच्चे का शव सड़ सकता है और इंफेक्शन के कारण गर्भवती की जान भी जा सकती है। लेकिन किसी-किसी मामले में डॉक्टर एक सप्ताह तक इंतजार करते हैं। यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है।