अंबिकापुर

Chhath puja 2024: कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय… छठ गीतों से गूंजते रहे घाट, दिया डूबते सूर्य को अघ्र्य

Chhath puja 2024: आस्थामय वातावरण में धूमधाम से मनाया जा रहा सूर्यषष्ठी पर्व, अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देकर व्रतियों ने मांगी परिवार की सुख-समृद्धि

अंबिकापुरNov 07, 2024 / 09:11 pm

rampravesh vishwakarma

Ghunghutta Chhath Ghat

अंबिकापुर। लोक आस्था का महापर्व छठ जिला मुख्यालय अंबिकापुर सहित पूरे संभाग में हर्षोल्लास के साथ गुरुवार को मनाया गया। कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय…. जैसे छठ गीतों से घाट गुंजायमान रहे। शाम को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया। छठ घाटों में इस दौरान मेले जैसा माहौल नजर आया। सडक़ों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कई श्रद्धालु अपने घर से दंडवत देते हुए छठ घाटों (Chhath puja 2024) तक पहुंचे। इस दौरान परिवार के लोग भी उपस्थित थे। छठ घाट पर पहुंचने के बाद व्रतियों ने नदी तालाबों और जलाशयों में उतर कर स्नान किया।
इसके बाद पानी में ही खड़े होकर श्रद्धालुओं ने दोनों हाथ से प्रसाद से भरे सूप से अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य अर्पित किया। इस दौरान परिवार के लोगों ने लोटा में पानी और दूध से व्रतियों को अघ्र्य दिलाया। अघ्र्य अर्पित करने का सिलसिला सूर्यास्त तक चलता रहा।
Ghunghutta Chhath Ghat
लोक आस्था का महापर्व छठ यूपी, बिहार, झारखंड के साथ पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। अंबिकापुर में भी छठ करने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। छठ व्रतियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए लगभग हर मोहल्लों में छठ घाट बनाए गए हैं।
शहर के प्रमुख शंकर घाट स्थित छठ घाट में प्रतिवर्ष काफी संख्या में श्रद्धालु छठ करने पहुंचते हैं। यहां महामाया छठ पूजा सेवा समिति द्वारा पूरी तैयारी की गई थी। समिति द्वारा व्रतियों की सुविधा को देखते हुए टेंट पंडाल सहित अन्य सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
इसी तरह शहर से लगे घुनघुट्टा नदी तट पर श्याम घुनघुट्टा छठ सेवा समिति द्वारा व्यापक तैयारी की गई थी। यहां शहर के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। व्रतियों को यहां स्नान करने के लिए शुद्ध जल व पर्याप्त जगह काफी पसंद आई।
Chhath puja 2024
Ghunghutta Chhath ghat
शहर के शंकर घाट के अलावा मौलवी बांध, मैरीन ड्राइव तालाब, सतीपारा तालाब, जेल तालाब, खैरबार नहरपारा, गांधीनगर तालाब, गोधनपुर तालाब, खर्रा स्थित घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।
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नंगे पैर, सिर पर दउरा और छठी मैया के गूंजते रहे गीत

अघ्र्य के लिए दोपहर करीब 3 बजे से ही सडक़ों एवं गलियों में व्रतियों की भीड़ दिखने लगी। महिलाएं छठी मइया का गीत गाते व पुरुष सिर में सूपा व दउरा रख नंगे पैर घाट की ओर रवाना हुए। जैसे-जैसे शाम होती गई, व्रतियों की भीड़ बढ़ती गई।
व्रतियों की सुविधा के लिए सडक़ों से लेकर घाटों तक विशेष व्यवस्था की गई थी। व्रतियों को परेशानियों से बचाने के लिए सडक़ों की साफ-सफाई हुई थी। छठ घाटों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने डूबते भगवान सूर्यदेव को अघ्र्य दिया।
Chhath puja 2024
Ghunghutta Chhath Ghat

Chhath puja 2024: सुबह उगते सूर्य को देंगे अघ्र्य

शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर व 36 घंटे के कठिन उपवास का भी समापन होगा। शाम को अघ्र्य देने के बाद कई छठ व्रती पूरी रात घाट पर ही रुके जबकि और लोग अपने-अपने घर वापस चले गए थे।
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सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था

छठ (Chhath puja 2024) घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस मुस्तैद रही। सबसे ज्यादा भीड़ शंकरघाट में देखने को मिली। यहां पुलिस द्वारा काली मंदिर के पास मोटरसाइकिल की पार्किंग एवं संजय पार्क बैरियर से तकिया मोड़ तक चार पहिया वाहनों को रोक दिया गया था।
Chhath puja 2024
Surajpur Chhath ghat

कई व्रती दंडवत पहुंचे छठ घाट

छठ (Chhath puja 2024) व्रत अटूट आस्था का पर्व है। मान्यता है कि छठ व्रत करने पर लोगों की सारी मन्नतें पूर्ण होतीं हैं। ऐसे में श्रद्धालु अपने घर से ही दंडवत देते हुए छठ घाटों तक पहुंचे।

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