बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा में पवित्रता व साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना होता है, अन्यथा सूर्यदेव नाराज होते हैं।
इस बार 8 नवंबर को नहाय-खाय से छठ पूजा प्रारंभ हो रहा है। 9 नवंबर को खरना, 10 नवंबर को डूबते सूर्य को व्रति महिलाएं अघ्र्य देंगी तथा 11 नवंबर को उगते सूर्य को अघ्र्य देकर छठ पर्व का समापन होगा।
छठ पूजा में साफ-सफाई और पवित्रता का पूरा ख्याल रखना चाहिए। मान्यता है कि छठ पूजा का व्रत करने से संतान की लंबी उम्र होती है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा को छठ पूजा करने की सलाह दी थी तब से महिलाएं यह व्रत कर रही हैं। छठ पूजा (Chhath puja 2021) में व्रत रखने वाली महिलाओं से लेकर उस घर के पूरे परिवार को कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए।
इन नियमों का जरूर करना चाहिए पालन (Chhath puja Niyam)
1. छठ का व्रत करने वाली महिलाओं को पूरे 4 दिन तक चारपाई या पलंग पर नहीं सोना चाहिए। उन्हें जमीन पर चादर बिछाकर सोना चाहिए।
2. जस घर में छठ पूजा किया जा रहा है उस घर के सभी सदस्यों को प्याज व लहसून वाला भोजन नहीं करना चाहिए।
3. छठ पूजा के दौरान पवित्रता व साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना चाहिए। पूजा में उपयोग होने वाली किसी भी सामग्री को बिना हाथ धोए हाथ न लगाएं।
4. छठ पूजा के दौरान यदि पूजा में उपयोग होने वाले सामान को गंदे हाथों से बच्चों द्वारा छू लिया जाए तो उसका इस्तेमाल दोबारा न करें। छठ का प्रसाद पहले ही बना लें।
5. छठ पूजा का प्रसाद ऐसे जगह पर बनाना चाहिए जहांं अन्य दिनों की तरह खाना न बनता हो।
6. डूबते या उगते सूर्यदेव को अघ्र्य देते समय कभी चांदी, स्टील या प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।