फोन का उपयोग केवल बात के लिए करते हैं शुभम
सीजीपीएससी 2022 की परीक्षा में लखनपुर निवासी शुभम गुप्ता ने मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। शुभम मुंगेली कलेक्टर राहुल देव के छोटे भाई हैं। शुभम की भाभी भावना गुप्ता आइपीएस हैं और बेमेतरा की एसपी हैं। आईआईटी कानपुर से बीटेक कर चुके शुभम गुप्ता ने 4 बार यूपीएससी की परीक्षा भी क्वालीफाई की है।
यूपीएससी 2021 में वे इंटरव्यू तक पहुंच गए थे। वर्ष 2023 यूपीएससी में उन्होंने प्री क्वालीफाई कर लिया है और मेंस की तैयारी कर रहे हैं। शुभम बताते हैं कि उन्होंने सीजीपीएससी में टॉपर बनने के लिए मात्र 5 से 6 माह ही तैयारी की थी। उन्होंने बताया कि यूपीएससी के एग्जाम के बाद थोड़ा टाइम था, तो थोड़ी तैयारी की।
पीएससी की परीक्षा दी और अच्छा रैंक मिल गया। शुभम ने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। लगातार प्रयास व नाकामी से सीखते हुए सफलता तक पहुंचा जा सकता है। प्रयास में समर्पण और निष्ठा बेहद जरूरी है। आपको अपने लक्ष्य का पीछा करना होता है और कामयाबी उसी के बूते ही मिल पाती है।
शुभम न तो फेसबुक पर हैं और ना ही व्हाट्सएप चलाते हैं। फोन का उपयोग वे सिर्फ बात करने के लिए करते हैं। शुभम अपने बड़े भाई राहुल देव व भाभी भावना गुप्ता से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि उनसे उन्हें टिप्स भी मिलती रही है।
शुभम के पिता देवकुमार गुप्ता सरगुजा के लुंड्रा में बीईओ एवं माता आशा गुप्ता शिक्षिका हैं। दोनों भाइयों को पढऩे की प्रेरणा अपने माता-पिता से ही मिली। दोनों की प्राथमिक एवं हायर सेकेंडरी की शिक्षा अंबिकापुर से ही हुई। वे मेधावी छात्र रहे हैं।
भाई-बहन एक साथ मेरिट लिस्ट में, परिवार में खुशी
सीजीपीएससी के घोषित परीक्षा परिणाम में अंबिकापुर के अग्रसेन वार्ड के निवासी भाई-बहन ने एक साथ बाजी मारी है। ऋचा बसंल ने 10 वां रैंक एवं भाई श्रवण बंसल ने 18 वां रैंक हासिल किया है। इस सफलता से पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है। ऋचा बसंल ने कहा कि वे 3-4 साल से सीजीपीएससी की तैयारी कर रही थीं।
एक बार पहले भी वे पीएससी क्वालीफाई कर चुकी हैं, लेकिन अच्छा रैंक नहीं मिला था तो इंटरव्यू तक नहीं पहुंची। पिछली असफलता से सबक लिया और लगातार प्रयास करती रहीं। पिछली गलतियों को सुधारा और फिर यह सफलता मिली। श्रवण बंसल ने बताया कि कॉलेज के बाद पीएससी की तैयारी शुरु की थी।
पूर्व में 108 रैंक आया था, जिसमें को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर का पोस्ट मिला था। इस बार 18वां रैंक आया है। उन्होंने बताया कि इस बार सहायक कमिश्नर जीएसटी का पोस्ट मिल सकता है। भाई-बहन ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है।
अमन सिंह को मिला 9वां रैंक
इधर अंबिकापुर के अमन सिंह ने सीजीपीएससी में 9 वां रैक हासिल किया है। अमन सिंह ने बताया कि उन्हें एक्साइज ऑफिसर का पोस्ट मिलने की संभावना है। अमन सिंह बिलासपुर में रहकर सीजीपीएससी की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है।
इनके पिता अशोक सिंह पीएचई विभाग अंबिकापुर में एसडीओ के पद पर कार्यरत हैं। इनकी मां पुष्पा सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि मुझे पूरा विश्वास था कि एक दिन सफलता जरूरी मिलेगी। अमन शुरू से पढ़ाई में बहुत ही अच्छा है।
डॉ. ममता तिवारी को छठवीं बार मिली सफलता
बुजुर्ग सास-ससुर की सेवा, बच्चे की देखभाल के साथ होमियोपैथी मेडिकल आफिसर की शासकीय जिम्मेदारी संभालते हुए डॉ. ममता तिवारी ने छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 11वां रैंक हासिल किया है।
बुजुर्ग सास-ससुर की सेवा, बच्चे की देखभाल के साथ होमियोपैथी मेडिकल आफिसर की शासकीय जिम्मेदारी संभालते हुए डॉ. ममता तिवारी ने छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 11वां रैंक हासिल किया है।
इसके पहले भी उन्होंने 5 बार सीजीपीएससी रैंक किया है लेकिन मनचाहा पद नहीं मिलने के कारण उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था और प्रयास जारी रखा। इस बार उन्हें डीएसपी का पद आसानी से मिल सकता था लेकिन उन्होंने इसके लिए आवेदन ही नहीं किया।
डॉ. ममता तिवारी का चयन राज्य वित्त सेवा अधिकारी के पद पर हुआ है। डॉ. ममता अंबिकापुर के होमियोपैथी चिकित्सक डॉ. धीरेंद्र तिवारी की पत्नी हैं। इन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए सीजीपीएससी में लगातार छठवीं बार सफलता हासिल की है।