अनन्या बोलीं- प्रतिदिन 5 से 6 घंटा करती थी पढ़ाई
सरगुजा जिले के लखनपुर निवासी राखीगढ़ी गोयल परिवार की बेटी अनन्या अग्रवाल डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित हुई हैं। अनन्या के पिता रवि अग्रवाल व्यवसायी हैं। बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने पर घर व परिवार में खुशी का माहौल है। बधाई देने शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है।
अनन्या बताती है कि वे पिछले 5 वर्षों से परीक्षा की तैयारी कर रही थी। सीजीपीएससी में यह उनका दूसरा प्रयास था। पहली बार में वे प्री में भी सलेक्ट नहीं हो पाई थीं। उनकी 12वीं तक की पढ़ाई लखनपुर में हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में रहकर पढ़ाई की और सीजीपीएससी की तैयारी करती रहीं।
अनन्या बताती हैं कि वह अन्य बच्चों की तरह ही टाइम टेबल निर्धारित कर प्रतिदिन 5 से 6 घंटा ईमानदारी से पढ़ाई करती थी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भगवान को दिया है।
सीजीपीएससी की तैयारी कर रहे अन्य अभ्यर्थियों को सक्सेस मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि कभी भी गिव अप नहीं करना चाहिए। ईमानदारी से कड़ी मेहनत करते रहें तो सफलता जरूर मिलेगी।
राजस्व निरीक्षक का बेटा बना डिप्टी कलेक्टर
अंबिकापुर निवासी राजस्व निरीक्षक संजय कुमार सिंह के बेटे राणा विजय सिंह ने राज्य सेवा परीक्षा में पांचवा स्थान प्राप्त किया है। इनका भी चयन डिप्टी कलेक्टर पद पर हुआ है। डिप्टी कलेक्टर बनने से परिजनों में खुशी का माहौल है। राणा विजय की मां पुष्पा सिंह गृहणी तथा बड़ी बहन डॉक्टर हैं।
राजस्व निरीक्षक का बेटा बना डिप्टी कलेक्टर
अंबिकापुर निवासी राजस्व निरीक्षक संजय कुमार सिंह के बेटे राणा विजय सिंह ने राज्य सेवा परीक्षा में पांचवा स्थान प्राप्त किया है। इनका भी चयन डिप्टी कलेक्टर पद पर हुआ है। डिप्टी कलेक्टर बनने से परिजनों में खुशी का माहौल है। राणा विजय की मां पुष्पा सिंह गृहणी तथा बड़ी बहन डॉक्टर हैं।
राणा विजय की 12वीं तक की पढ़ाई होलीक्रॉस स्कूल अंबिकापुर से हुई है। उन्होंने सिविल इंजीनियर की पढ़ाई भोपाल से की। इसके बाद वे लगातार सिविल सर्विसेज की तैयारी में लगे रहे। इससे पूर्व भी उन्होंने सीजीपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन उसमें सफल नहीं हुए थे।
अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने सीजीपीएससी में राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया। राणा विजय बताते हैं कि वे प्रतिदिन 5 से 6 घंटे पढ़ाई करते थे। उन्होंने बताया कि वे समय का नहीं बल्कि टॉपिक्स पर ध्यान रखते थे। डेली व मंथली टॉपिक्स निर्धारित कर पढ़ाई करते थे।
परिवार का था मुझ पर भरोसा
राणा विजय बताते हैं कि वे संयुक्त परिवार में पले-बढ़े हैं। मेरे पिता राजस्व निरीक्षक हंै। बड़े चाचा मनोज सिंह आरईएस में एसडीओ हैं। इन सभी की प्रेरणा से ही आज मैंने ये मुकाम हासिल किया है। वे अपनी सफलता के पीछे अपनी मेहनत के साथ-साथ परिवार के भरोसे को देना चाहते हैं।