अंबिकापुर

CG News: सुगंधित धान जीराफूल को टक्कर दे रहा हाइब्रिड धान, किसानों की बनी पहली पसंद, जानें इसकी खासियत

Ambikapur News: छत्तीसगढ़ का सबसे महंगा चावल और प्राचीन किस्मों में से एक जीराफूल की पैदावार सरगुजा जिले की पहचान रही है।

अंबिकापुरJan 11, 2025 / 11:08 am

Khyati Parihar

CG News: अंबिकापुर @ प्रणयराज सिंह राणा। छत्तीसगढ़ का सबसे महंगा चावल और प्राचीन किस्मों में से एक जीराफूल की पैदावार सरगुजा जिले की पहचान रही है। लेकिन हाइब्रिड धान की खेती के सामने इसकी पहचान धीरे-धीरे अब फीकी होती जा रही है। जीराफूल धान की खेती का रकबा घटता जा रहा है। इसकी जगह हाइब्रिड धान और सब्जियों की खेती ने ली ली है।
गिने-चुने किसान ही जीराफूल धान की व्यावसायिक खेती कर रहे हैं। वह भी छोटे पैमाने पर। जबकि सुगंधित जीराफूल चावल 80 से 100 रुपए प्रति किलो की दर से बिकता है। इसके बावजूद किसानों ने इससे दूरी बनाना शुरू कर दी है।
हाइब्रिड धान काफी कम समय में तैयार हो जाता है और इसमें पानी भी कम लगता है। इस धान का प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल उत्पादन होता है। इसके अलावा हाइब्रिड धान के उत्पादन में जीराफूल धान से कम लागत लगती है। जबकि जीराफूल धान तैयार होने में ज्यादा समय लगता है और पानी की भी ज्यादा आवश्यकता पड़ती है।
यह भी पढ़ें

CG News: बंद रहेगी धान खरीदी! किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी, जानें वजह…

धान का रकबा 30 हजार हेक्टेयर घटा

किसानों को धान की खेती के लिए शासन प्रोत्साहित भी कर रहा है। सरगुजा में पिछले साल तक 1 लाख 35 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। इस वर्ष यह घटकर 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर हो गया है। शासन द्वारा धान के बदले तिलहन, दलहन व रागी-कुटकी जैसे अनाज का उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।

अब सिर्फ 200 हेक्टेयर में ही जीराफुल

चार से पांच वर्ष पूर्व सरगुजा जिले में 5 से 6 सौ हेक्टेयर में जीराफूल धान किसान लगाते थे। अब धीरे-धीरे इसका रकबा कम होता जा रहा है। इस वर्ष लगभग 200 हेक्टेयर में ही जीराफूल धान की खेती की गई है। वहीं किसान अब ज्यादा सब्जी की खेती पर ध्यान दे रहे हैं। इसमें कम समय में किसानों को ज्यादा फायदा पहुंचता है।

10 फीसदी सालाना घट रहा रकबा

जीराफूल धान की खेती सरगुजा में कम हो रही है। इसकी मुख्य वजह अधिक कीमत पर धान खरीदी है। लोग कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं इस लिए अधिक उत्पादन वाले किस्म की धान अपने खेतों में लगाते हैं। सालाना 10-15 फीसदी इसका रकबा कम हो रहा है। – जी.एस. धुर्वे, सहायक संचालक कृषि विभाग, सरगुजा

Hindi News / Ambikapur / CG News: सुगंधित धान जीराफूल को टक्कर दे रहा हाइब्रिड धान, किसानों की बनी पहली पसंद, जानें इसकी खासियत

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.