प्रतापपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गणेशपुर निवासी रामकुमार (62) रविवार की सुबह अपनी पत्नी व गांव के ही अन्य लोगों के साथ तेन्दूपत्ता तोडऩे गणेशपुर व मदनपुर के जंगल में गए थे। सभी एक दूसरे के कुछ दूरी पर तेंदूपत्ता तोड़ रहे थे। सुबह करीब 10 बजे एक दंतैल हाथी मौके पर पहुंच गया।
हाथी को देख लोग डर गए और अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। इस दौरान रामकुमार हाथी से बचने के लिए पेड़ पर चढऩे की कोशिश करने लगा। तभी हाथी ने सूंड़ से उठाकर उसे फुटबॉल की तरह पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया। वहीं रामकुमार की पत्नी व अन्य ग्रामीणों ने जंगल से भाग कर अपनी जान बचाई।
क्षत-विक्षत मिला शव
जंगल से भागकर ग्रामीण गांव पहुंचे और घटना की जानकारी गांव वालों को दी। सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा और रामकुमार का शव क्षत-विक्षत स्थिति में बरामद किया। वन विभाग ने मृतक के शव का पीएम कराने के बाद परिजन को सौंप दिया है। इस दौरान वन विभाग ने मृतक के परिजन को 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी है।हाथियों का दो दल कर रहा क्षेत्र में विचरण
ग्रामीणों के अनुसार प्रतापुर व राजपुर वन परिक्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से हाथियों का दो दल विचरण कर रहा है। एक सप्ताह पूर्व प्रतापपुर क्षेत्र के खडग़वां के झींगापारा में हाथियों ने जंगल किनारे घर बनाकर रह रही वृद्धा को मार डाला था। महिला घर में अकेली थी। यह भी पढ़ें
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हाथियों द्वारा लगातार ग्रामीणों पर किए जा रहे हमले व मौत की घटना से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के कोई भी कर्मचारी क्षेत्र में नहीं रहते हैं। वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अक्सर अंबिकापुर से आना-जाना करते हैं। इस स्थिति में हाथियों की जानकारी समय रहते ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पाती है और लोग मौत के शिकार हो रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रतापपुर से रेंजर को हटाने की मांग की है। वहीं एसडीओ फारेस्ट आशुतोष भगत ने क्षेत्र के ग्रामीणों को जंगलों में न जाने की सलाह दी है।