आदिवासी बाहुल्य सरगुजा की 3 विधानसभा सीटों में से अंबिकापुर सामान्य सीट है। वहीं लुण्ड्रा और सीतापुर सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। बीते चुनावों में उम्मीदवार आदिवासी समाज को साधने की जुगत में भिड़े रहते थे। लेकिन इस बार उन्हें महिलाओं को भी अपने पक्ष में करना होगा।
10 फीसदी बढ़ गए वोटर्स
सरगुजा में वोटर्स की संख्या 2018 की तुलना में इस बार बढ़ गई है। 2023 में 58 हजार 838 वोटर्स बढ़े हैं। इनमें 31 हजार 760 महिला एवं 27 हजार 100 पुरुष वोटर्स हैं।
लुंड्रा में पहाड़ी कोरवा अधिक
विशेष संरक्षित जनजाति के वोटर्स तीनों विधानसभा सीटों में हैं। सरगुजा में इन वोटरों की संख्या 6 हजार 946 है। इनमें से 2 हजार 670 वोटर्स केवल लुंड्रा में ही हैं। अंबिकापुर मेंं इनकी संख्या ९५० है। पहाड़ी कोरवा समाज में शिक्षा का अभाव है। ऐसे में ये चुनाव में भाग लेने से भी कतराते हैं। इनकी वोटिंग भी प्रशासन के लिए चुनौती है।
राजनीति के लिए अच्छा संकेत
चुनावों में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक होना राजनीति के लिए अच्छा संकेत माना जाता है। महिलाओं को अपने पक्ष में करना आसान नहीं होता है। अमूूमन ऐसा देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में महिला वोटर्स की संख्या अधिक है, वहां विकास तेजी से हुआ है।
डॉ. विपिन त्रिवेदी, राजनीतिक विश्लेषक