सोमवार को जनदर्शन में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि जिस भूमि का कई पीढिय़ों से कब्रिस्तान (Cemetery dispute) के रूप में उपयोग किया जा रहा है, उस जमीन की जोताई करने में गांव के ही कुछ लोग लगे हैं। आए दिन विवाद की बने वाली स्थिति को देखते हुए उन्होंने खसरा नंबर 615/2. 615/2, 615/4 रकबा 0.170, 0.648 एवं 1.060 हेक्टेयर का खसरा नक्शा एवं बी-1 प्राप्त करने हेतु आवेदन जमा किया।
इसके बाद न्यायालय, नायब तहसीलदार दरिमा ने 11 मार्च 2024 को ग्रामीणों के समक्ष उक्त भूमि का सीमांकन करने हेतु पटवारी को आदेश जारी किया गया। पटवारी ने सभी ग्रामीणों के मौजूदगी में 12 मार्च 2024 को सीमांकन एवं पंचनामा तैयार कर सभी कोणों (Cemetery dispute) को चिन्हित किया था,
जिसमें खसरा नंबर 615/2, 615/3 रकबा 0.170, 0.648 हेक्टेयर भूमि रजवार एवं पनिका समाज का कब्रिस्तान होना बताया गया। इसके बाद भी उक्त भूमि पर शिवशंकर एवं रामशंकर पिता नेतराम गाम शिवपुर द्वारा अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण करके कृषि कार्य किया जा रहा है।
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Cemetery dispute: दफन शव को उखाडऩे का आरोप
ग्रामीणों ने जनदर्शन में सौंपे ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराया है कि उक्त भूमि पर दफन शव को भी उखाड़ दिया जा रहा है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि मरघट (Cemetery dispute) की भूमि को सुरक्षित करने के लिए उन्होंने खसरा, नक्शा एवं बी-1 की मांग की है, लेकिन दरिमा में पदस्थ नायब तहसीलदार अजय कुमार गुप्ता द्वारा उन्हें गुमराह करने एवं रुपये की मांग करने का आरोप लगाया है।
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नायब तहसीलदार का है ये कहना
ग्रामीणों ने बताया कि नायब तहसीलदार ने कहा है कि सरकारी भूमि का खसरा, नक्शा एवं बी-1 नहीं मिलेगा। वहीं ग्रामीणों को कलेक्टर के जनदर्शन में आवश्यक कार्रवाई (Cemetery dispute) का भरोसा मिला है। जनदर्शन में सुन्दरी, धनेश्वरी एक्का, गुड्डू, बेचन राम बेक, नेपाली बेक, नान, सुन्दर, रामलाल, घूरसाय बेक, संजय तिर्की, अजीत लकड़ा, कनीलाल, रवि बेक, रिझोबाई, सनमती तिर्की, सुशीला सहित अन्य ग्रामवासियों शामिल रहे।