गौरतलब है कि अंबिकापुर सेंट्रल जेल में महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर एक महिला अधिकारी व कर्मचारी द्वारा वीडियो बनाने की शिकायत कमलेश साहू नामक युवक ने की थी। इसमें उसने बताया था कि उसकी मौसी किसी मामले में 6 महीने से जेल में निरुद्ध है।
जेल में मुलाकात के दौरान मौसी ने बताया था कि यहां की महिला जेल अधिकारी को हर महीने रुपए देने पड़ेंगे। रुपए नहीं देने पर ये महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाते हैं तथा इसे दूसरे पक्ष को दिखाने की धमकी देते है।
शिकायत पत्र मिलने के बाद पत्रिका द्वारा अंबिकापुर संस्करण में 24 जून को ‘सेंट्रल जेल में महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर बनाते हैं वीडियो, युवक ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से की शिकायत’ नामक शीर्षक से प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया था। खबर प्रकाशन के बाद सेंट्रल जेल प्रबंधन व प्रशासन में हडक़ंप मच गया था।
2 सदस्यीय टीम का गठन
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने घटना स्थल पर पहुंचकर जांच करने के लिए आयोग की 2 सदस्यीय टीम का गठन किया है।
इसमें नीता विश्वकर्मा एवं अर्चना उपाध्याय के साथ ही पुलिस अधीक्षक सरगुजा को सात दिवस के भीतर जांच कर रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करने कहा गया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है। यदि ऐसी घटना वास्तव में हुई है तो इस पर आयोग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।