पत्रिका के ‘बिटिया@वर्क’ कार्यक्रम के तहत सरगुजा जिले की बेटियां अपने-अपने माता-पिता के ऑफिस व दुकानों में पहुंची
•Sep 29, 2018 / 05:09 pm•
rampravesh vishwakarma
मम्मी की तरह करना है समाज सेवा मम्मी समाज सेविका हैं। मैं भी उन्हीं की तरह समाज सेवा करना चाहती हूं। आयूषी
ऑफिस : नया सेवरा
बिटिया का नाम : आयूषी
माता का नाम : चैती अग्रवाल (अध्यक्ष)
काम को देखने का मिला अवसर पापा दिनभर अकाउंट के काम में उलझे रहते हैं आज पता चला कि वे क्या करते हैं। सोनल
ऑफिस : अग्रवाल एंड कंपनी
बिटिया का नाम : सोनल
पिता : सुभाष अग्रवाल (संचालक)
मेहनत करने से ही जीवन में मिलती है सफलता पापा के ऑफिस में आकर उनके काम को समझा। यहां आने के बाद पता चला कि पापा क्या काम करते हैं। मेहनत करने के बाद ही उन्हें सफलता मिलती है। अलिना
ऑफिस : सीए बीनू मथाई एंड कम्पनी
बिटिया का नाम : अलिना मथाई
पिता का नाम : बीनू मथाई, (चाटर्ड एकाउंटेट)
मां से मिलती है प्रेरणा आज के युग में अब यह परंपरा टूट गई है कि बेटे ही माता-पिता के काम में हाथ बंटा सकते हैं। समृद्धि पांडेय
ऑफिस : होलसेल मेडिकल स्टोर
बिटिया का नाम : समृद्धि पांडेय
माता का नाम : श्वेता पांडेय, (प्रॉपराइटर)
मेहनत करते हैं पापा पापा को रोज सुबह कपड़ा दुकान जाते देखती थी। लेकिन समझ में नहीं आता था। दुकान में वे कितना मेहनत करते हैं यह देखने के बाद पता चला। रूचि गर्ग
ऑफिस : राधा गारमेंटस
बिटिया का नाम : रूचि गर्ग
पिता का नाम : प्रेमपाल गर्ग (संचालक)
बहुत मेहनत करते हैं पापा दुकान में आना अच्छा लगता है। कभी-कभी आवश्यकतानुसार पापा के सहयोग के लिए दुकान आती हूं। बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं। संचारी पांडेय
ऑफिस : सुरेश मेडिकल स्टोर्स
बिटिया का नाम : संचारी पांडेय
पिता का नाम : द्वारिकानाथ पांडेय, संचालक
Hindi News / Photo Gallery / Ambikapur / बिटिया@वर्क : बेटियों ने जाना मम्मी-पापा कैसे करते है काम, कई उनकी तरह ही चाहती हैं बनना