शहर के कन्या परिसर निवासी डॉ. अंजन सिंह पिता दीनबन्धु सिंह 50 वर्ष ने पुलिस को बताया है कि उनके मोबाइल पर कोविड काल प्रारंभ होने के पूर्व इग्नु विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कथित प्रोफेसर पुरुषोत्तम शर्मा ने फोन किया था।
उसने शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने की जानकारी दी और बताया कि उनके द्वारा विभिन्न शैक्षणिक विषयों पर पत्राचार से कोर्स करवाया (Big fraud) जाता है। अंजन सिंह ने स्वयं पीएचडी करने एवं पत्नी अनिता सिंह को डीएलएड कराने के लिए पुरूषोत्तम से बात की।
पीएचडी करने का शुल्क 89 हजार रुपए और डीएलएड का शुल्क 30 हजार रुपए (Big fraud) बताया। उक्त फीस का भुगतान ऑनलाइन करने की सुविधा होने की जानकारी दी गई थी। इससे उनका संस्था के प्रति विश्वास बढ़ गया।
यह भी पढ़ें
Kidnapping case: दिनदहाड़े नाबालिग को घसीटकर ले जा रहे थे कार सवार, CCTV में कैद हुई वारदात, देखें तस्वीरें
कॉलेज स्टाफ के मोबाइल से भेजे गए रुपए
प्राचार्य ने बताया है कि उस समय उनके मोबाइल पर गुगल पेमेंट की सुविधा नहीं थी, जिस कारण उन्होंने महाविद्यालय के स्टाफ आनंद कुमार के मोबाइल नंबर (Big fraud) से पहली बार 8 जनवरी 2024 को प्रोफेसर के मोबाइल नंबर पर गुगल पे से 30 हजार रुपए एवं 89 हजार रुपये ट्रांसफर करा दिया। उपरोक्त दोनों कोर्स के लिए शुल्क का भुगतान करने के बाद भी बीच-बीच में अतिरिक्त शुल्क की डिमांड की जाने लगी और कहा जाने लगा कि अतिरिक्त शुल्क नहीं देने पर आपका नामांकन रिजेक्ट हो जाएगा, इस कारण उन्होंने 88 हजार 400 रुपए पुन: मोबाइल धारक को ऑनलाइन भुगतान (Big fraud) कर दिया।
इसके बाद उक्त प्रोफेसर ने समस्त प्रक्रिया पूर्ण होने की जानकारी दी और कहा कि उनका ऑनलाइन अपडेट एवं डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग 18 अपै्रल 2024 तक पूर्ण हो जाएगा।
यह भी पढ़ें
Attempt to kidnap: होली क्रॉस स्कूल के गेट से छात्रा के अपहरण की कोशिश, मुंह दबाकर ले जा रहा था बदमाश
Big fraud: और की गई थी रुपए की मांग
21 अपै्रल 2024 को मोबाइल से संपर्क कर अपडेट करने की जानकारी लेने पर पुन: बोला गया कि आपका पेमेंट पूरा जमा नहीं हुआ है। पूरी फीस भुगतान कर देने की बात कहने पर कथित प्रोफेसर (Big fraud) ने कहा कि इग्नु विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को 25 हजार रुपये देना है, जो आप नहीं दिए है, इस कारण आपका केस रिजेक्ट हो गया है। इसके बाद वे प्रोफेसर पीपी शर्मा इग्नु विश्वविद्यालय नई दिल्ली से कॉल कर बात करने का प्रयास करते रहे, लेकिन उनका कॉल डायवर्ट कर दिया गया। बार-बार कॉल करने के बाद भी कथित प्रोफेसर द्वारा फोन नहीं उठाने पर उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।