गौरतलब है कि जर्जर हो चुके अंबिकापुर-बनारस स्टेट हाइवे (Ambikapur-Banaras state highway) पर पीब्ल्यूडी विभाग द्वारा डामरीकरण कराया जा रहा है। डामरीकरण 10 किमी तक कराया जाना है, लेकिन विभाग द्वारा डामरीकरण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। गुणवत्ता पर ध्यान न दिए जाने के कारण सडक़ बनने के साथ ही गिट्टियां उखडऩे लगीं हैं।
घटिया सडक़ निर्माण की जानकारी पर ईई ने 29 नवंबर को सडक़ का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान ईई ने सब ओके बताते हुए 7 साल सडक़ टिकने की बात कही थी। वहीं डामरीकरण अभी पूर्ण भी नहीं हुआ था कि कि जगह-जगह सडक़ उखडऩी शुरू हो गई।
घटिया निर्माण को लेकर 12 दिसंबर के अंक में पत्रिका द्वारा प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी। खबर प्रकाशन के बाद ईई ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ठेकेदार द्वारा किए जा रहे डामरीकरण कार्य को अमान्य करते हुए निर्माण कार्य तत्काल बंद करने के निर्देश दिए। ईई ने कार्रवाई का प्रतिवेदन सीई के समक्ष प्रस्तुत किया है।
ठेकेदार को नोटिस जारी, लिखीं ये बातें
डामरीकरण (Asphaltization) का कार्य घटिया पाए जाने पर ईई (PWD EE) ने ए-1 ठेकेदार योगेश जायसवाल को नोटिस जारी कर कहा है कि अंबिकापुर धनवार बनारस मार्ग के उन्नयन एवं नवीनीकरण कार्य आपके द्वारा कराया जा रहा है।
कार्य गुणवत्ताविहीन होने के कारण अमान्य किया जाता है। ईई ने ठेकेदार को आगे लिखा है कि बार-बार निर्देश देने के उपरांत भी आपके द्वारा कार्य की गुणवत्ता में सुधार नहीं किए जाने के कारण उक्त कार्य को तत्काल बंद किया जाए।