अंबिकापुर

भरभराकर गिर गई कॉलरी क्वार्टर की जर्जर छत, पत्नी-दो बेटियां व बेटा जख्मी

कॉलरीकर्मी गया था ड्यूटी, पत्नी व बच्चे घर में कर रहे थे अपना-अपना काम, रीजनल अस्पताल में कराया गया भर्ती

अंबिकापुरOct 02, 2017 / 08:29 pm

rampravesh vishwakarma

roof fall

चिरमिरी. शहर के डोमनहिल वार्ड क्रमांक-38 के प्रेम नगर में रहने वाले एसईसीएल के बरतुंगा कॉलरी के कॉलरीकर्मी के घर की छत भरभरा कर गिर गई। सोमवार की दोपहर हुए इस हादसे में कॉलरीकर्मी की पत्नी 2 बेटियां व बेटा घायल हो गए। सभी को स्थानीय लोगों ने रीजनल अस्पताल पहुंचाया। यहां उनका इलाज जारी है। गौरतलब है कि कॉलरीकर्मी जर्जर आवासों में जान हथेली पर लेकर रहने विवश हैं।

कोरिया जिले के चिरमिरी डोमनहिल वार्ड क्रमांक 38 के प्रेमनगर में रहने वाले मोतीलाल केंवट पिता खमारी केंवट बरतुंगा कॉलरी में रूफ बॉडिंग के पद पर पदस्थ हैं। सोमवार की दोपहर सभी घर में थे। इसी बीच करीब १ बजे घर की छत का पूरा हिस्सा अचानक भरभरा कर गिर गया। इस हादसे में मोतीलाल केंवट की पत्नी ललिता केंवट, छोटी बेटी ज्योति केंवट, बड़ी बेटी व पुत्र घायल हो गए।
इन्हें स्थानीय लोगों की मदद से रीजनल अस्पताल में भर्ती कराया गया। ललिता ने बताया कि घटना के वक्त छोटी बेटी ज्योति दोपहर का भोजन बनाकर अंदर रख रही थी और आंगन में कुछ सामान पड़े हुए थे, जिन्हें वह लेने गई थी। इसी बीच मुझे अचानक छत गिरने की आहट लगी तो उसने छोटी बेटी को चिल्लाते हुए भागने को कहा। इस पर वह दीवार से सटकर खड़ी हो गई और जब छत गिरी तो उसके कंधे, पीठ व कमर में चोट आई।
वरना उसकी जान भी आफत में पड़ सकती थी। ललिता ने बताया कि बेटी को बचाने के चक्कर में उसे, बड़ी बेटी और बेटे को चोट आई। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा हादसा हो गया लेकिन हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

करोड़ों रुपए फूंके जाते हैं मरम्मत पर
श्रमिक आवासों की मरम्मत पर एसईसीएल द्वारा करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं लेकिन हालत जस की तस है। जर्जर हो चुके आवासों में रहना कॉलरीकर्मियों की मजबूरी बन गई है। गौरतलब है कि शहर के सभी यूनिटों में निवासरत श्रमिकों की कॉलोनियों में लगभग 50 करोड़ की लागत से मरम्मत कार्य एसईसीएल द्वारा विगत ६ माह से कराए जा रहे हैं।
जबकि इन कॉलोनियों में निवासरत श्रमिकों को आज भी अपने श्रमिक संगठनों की वेलफेयर कमेटी का इंतजार है कि जब वे जांच के लिए आएंगे तब हम कार्यों की शिकायत करेंगे। लेकिन आज तक इन कॉलोनियों में एक बार भी यूनिट, एरिया एवं कंपनी की वेलफेयर कमेटी या एसईसीएल के उच्चाधिकारी ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। केवल ठेकेदारो और श्रमिक नेताओं के बताए चुनिंदा कॉलोनियों का जायजा लेकर एसईसीएल को अपनी सहमति दी जा रही है कि ठेकेदारों द्वारा कार्यो में कोई लापरवाही नहीं की जा रही है।
ऐसी स्थिति तब है जब शहर के गोदरीपारा आजाद नगर में निवासरत श्रमिकों को घरों और सीढिय़ों में डंडे व पाइप का सहारा लगाकर दिन गुजारने पड़ रहे हैं। ऐसे में कभी भी बड़ी घटना हो सकती है लेकिन एसईसीएल का इस समस्या पर ध्यान नहीं है। ठेकेदार मरम्मत कार्य में मनमानी कर रहे हैं और प्रबंधन मौन है। सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है। अधिकारियों व ठेकेदारों के बीच कमीशन के फेर में मिलीभगत का खेल चल रहा है और खामियाजा कॉलरीकर्मी भुगत रहे हैं।

मुझे नहीं है जानकारी
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। स्थानीय अधिकारियों से चर्चा के बाद ही कुछ बता पाना संभव होगा। अगर वह कॉलरीकर्मी है तो तत्काल व्यवस्था उपलब्ध करना हमारी प्राथमिकता होगी।
श्री लक्ष्मण, एसओ सिविल, एसईसीएल

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