चिरमिरी से लगे गेल्हापानी वार्ड क्रमांक-10 स्थित शासकीय प्राइमरी स्कूल में शिक्षक मनबाहल प्राचार्य के पद पर पदस्थ हैं। उनके अलावा यहां 2 अन्य शिक्षकों की भी पदस्थापना की गई है। प्राचार्य 14 नवंबर को बाल दिवस के मौके पर शराब के नशे में बच्चों को पढ़ा रहे थे।
पहली से पांचवीं तक के बच्चों को तो ये पता था कि आज बाल दिवस है लेकिन जब प्राचार्य से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बाल दिवस को शहीद दिवस बताया। प्राचार्य को दिन व तारीख तो याद था लेकिन नशे में धुत होने के कारण वे बार-बार बाल दिवस को शहीद दिवस कहते रहे। शिक्षक के शराब के सेवन की जानकारी उपस्थित बच्चों को भी थी।
जब पत्रिका ने बच्चों से इसकी जानकारी ली गई तो बच्चों ने भी कहा कि सर, शराब पी कर आये है। यदि हमलोग कुछ बोलेंगे तो हमारी पिटाई हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे में गिरने से उनके कपड़ों में कई जगह मिट्टी लगी है।
इस संबंध में जब स्कूल में पदस्थ अन्य 2 शिक्षकों से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि यह उनकी आदत है, हमलोग इसमें क्या कर सकते हैं। कम से कम आज के दिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।
मैडम ने बताया- सर ने शराब पी रखी है
इस संबंध में स्कूल के सहायक शिक्षक पूरन लाल ने बताया कि अभी हम लोगो को यहां आए दो से तीन माह ही हुआ है। जिला प्रशासन के निर्देश पर बीते माह के 22 तारीख से दो शिक्षकों की ड्यूटी निर्वाचन के कार्य में लगाई गई है इस कारण आज स्कुल नहीं गया हंू। कई बार फोन लगाने के बाद भी प्राचार्य ने फोन नहीं उठाया।
जब यहां पदस्थ शिक्षिका को फोन लगाया तो पता चला की वह शराब का सेवन करके आए हैं। उन्हें ऐसा नह करना चाहिए यह बहुत शर्मनाक बात है। नशे के कारण बाल दिवस को शहीद दिवस कह दिया होगा।
शराब पीकर आना निंदनीय
स्कूल समिति के अध्यक्ष अलीम हैदर ने बताया कि जानकारी होने के बाद वे स्वयं स्कूल पहुंचे थे। शिक्षक द्वारा ऐसे दिवस पर विद्यालय परिसर में शराब का सेवन करने आना बहुत ही निंदनीय है। समिति की बैठक कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी लेकर ही बता सकता हूं।
मुझे जानकारी नहीं है अगर शिक्षक ने ऐसा किया है तो यह बहुत ही शर्मनाक है। जिला शिक्षा अधिकारी से मामले की जानकारी के बाद ही कुछ बता सकता हूं।
नरेंद्र कुमार दुग्गा, कलेक्टर कोरिया