15 वर्ष पूर्व ‘सरगुजा रेलवे संघर्ष समिति’ द्वारा सर्वप्रथम अंबिकापुर-दिल्ली ट्रेन चलाए जाने की मांग की गई थी। इस दौरान केंद्र में बैठी सरकारों द्वारा यहां की जनता को आश्वासन भी दिया गया था लेकिन यह मांग दूर की कौड़ी साबित हो रही थी। 15 साल के दौरान कई आंदोलन भी हुए।
सोशल मीडिया पर ‘सरगुजा मांगे रेल विस्तार’ शीर्षक से भी मांग उठ रही थी। सरगुजा सांसद रेणुका सिंह और राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने भी जनता की इस मांग की ओर सरकार का ध्यान खींचा था। अंतत: सभी की मेहनत रंग लाई और 14 जुलाई से अंबिकापुर-नई दिल्ली ट्रेन सेवा का शुभारंभ होने जा रहा है।
2015 में तात्कालीन रेलमंत्री से मिले थे समिति के सदस्य
2008 के आसपास दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन चलाए जाने की मांग रेलवे संघर्ष समिति ने देवेश्वर सिंह के नेतृत्व में शुरू की थी। 2015 में तात्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु से छत्तीसगढ़ के आधा दर्जन सांसदों के हस्ताक्षरित पत्र के साथ समिति के सदस्यों ने मुलाकात भी की थी। इसके बाद से ही ये मांग लगातार उठती रही।
2008 के आसपास दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन चलाए जाने की मांग रेलवे संघर्ष समिति ने देवेश्वर सिंह के नेतृत्व में शुरू की थी। 2015 में तात्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु से छत्तीसगढ़ के आधा दर्जन सांसदों के हस्ताक्षरित पत्र के साथ समिति के सदस्यों ने मुलाकात भी की थी। इसके बाद से ही ये मांग लगातार उठती रही।
रेलवे स्टेशन में तैयारियां शुरु
अंबिकापुर-दिल्ली टे्रन सेवा का शुभारंभ 14 जुलाई को होगा। अंबिकापुर रेलवे स्टेशन (Ambikapur Railway Station) पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम के लिए तैयारियां भी शुरु कर दी गई हैं। टेंट-पंडाल बनाए जाने का काम जारी है, जो 13 जुलाई तक मूर्त रूप ले लेगा।
अंबिकापुर-दिल्ली टे्रन (Ambikapur-Delhi Train) सेवा का शुभारंभ होने की खबर जैसे ही सरगुजा वासियों को मिली, उनमें खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सभी एक-दूसरे को बधाई देते नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह सरगुजा की बहुप्रतीक्षित मांग थी जो 15 साल बाद पूरी हुई है।