ग्रामीणों के प्रदर्शन के कारण नेशनल हाइवे 43 पर आधे घंटे तक जाम जैसी स्थिति रही। प्रशासनिक अधिकारियों के समझाइश के बाद ग्रामीण एनएच पर से हटे। ग्रामीणों ने एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित की और मांग की है कि किसी भी सूरत में यहां एल्युमिना प्लांट न खुले।
ग्रामीणों ने बताया कि अगर यहां एल्युमिना प्लांट खुला तो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा और कई गांव तबाह हो जाएंगे। बतौली तहसील कार्यालय के घेराव के लिए चिरगा सहित माजा, झररगांव, लैगू, करदना, पहाड़ चिरगा सहित 8 ग्राम के बड़ी संख्या में ग्रामीण चिरगा मोड़ से रैली निकालते हुए 3 किलोमीटर पैदल चलकर शांति पारा बतौली तहसील कार्यालय पहुंचे और यहां घेराव कर दिया।
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सरगुजा के अधिकांश नदी नाले बरसाती पानी पर निर्भर हैं। कंपनी तो 12 माह एल्युमिना का उत्पादन करेगी, अगर इतना पानी का उपयोग कंपनी करेगी तो नदी नालों व बांध का क्या होगा।
पर्यावरण प्रदूषण के हिसाब से भी यह फैक्ट्री काफी खतरनाक है क्योंकि यह पूरी तरह चाइना मॉडल तकनीक पर आधारित है। इससे ज्यादा प्रदूषण होने के कारण जंगल व उसमें रहने वाले जानवर भी प्रभावित होंगे।
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जनसुनवाई में हुआ था भारी बवाल
ग्राम पंचायत चिरगा में प्रस्तावित एल्युमिना प्लांट के लिए पूर्व में हुई जनसुनवाई में भारी बवाल हुआ था। ग्रामीण इतने आक्रोशित थे कि प्रशासनिक अधिकारियों पर टूट पड़े थे और हाथापाई भी की थी। अब फिर से फैक्ट्री के लिए प्रक्रिया शुरू हो रही है तो ग्रामीण दोबारा विरोध कर रहे हैं।