बैठक में वार्ड क्रमांक 11 निवासी मनोज तिर्की द्वारा दिये गए आवेदन को सबसे पहले विचार के लिए लाया गया। आवेदक ने अपनी भूमि पर निगम द्वारा सड़क निर्माण कर लेने पर उसके लिए मुआवजे की मांग की थी जिसपर पीडब्ल्यूडी प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि यदि इस मुद्दे पर मुआवजा स्वीकृत किया गया तो फिर शहर में कई लोगों ने अपनी जमीन सड़क निर्माण के लिए दी है वे सब भी मुआवजा मांगने आ जाएंगे, जिससे समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
अन्य एमआईसी सदस्यों ने भी इसका समर्थन (Support) किया जिसके बाद इस मुद्दे को जांच के लिए रख कर आगे चर्चा की गई। निगम के वर्ष 2011-12 का अंकेक्षण अभी होने की जानकारी देते हुए लेखाधिकारी ने बताया कि इसमें विभिन्न विभागों के मद पर 26 आपत्तियां आई है जिस पर महापौर (Mayor) ने आपत्तियों के शीघ्र निराकरण का निर्देश सभी विभाग प्रमुखों को दिया।
इसी बीच यह भी बात आई कि राज्य के महालेखाकार ने निगम के पूर्व के बजट पर आपत्ति जताई है। इस पर एमआईसी सदस्यों ने पिछले पांच वर्षों के बजट का अध्ययन कर सही बजट बनाने का सुझाव दिया।
इस पर सभी ने सहमति जताई। बैठक के दौरान ज्ञानस्थली योजना पर चर्चा होने पर शहर के शासकीय व निगम के स्कूलों की दुर्दशा का मुद्दा भी उठा। इस पर सभी शासकीय स्कूलों का निरीक्षण कर वहां पर आवश्यक सुविधाओं को जांचने का काम कर उसके लिए व्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करने के लिए कहा गया।
प्रमुख चौकों पर डिजीटल डिस्प्ले स्क्रीन का प्रस्ताव
शहर के प्रतीक्षा बस स्टैंड, डाटा सेंटर, लरंग साय चौक, महाराणा प्रताप चौक, सद्भावना चौक, घड़ी चौक व अन्य चौक पर डिजीटल डिस्पले स्क्रीन लगाने के एजेंडे पर भी चर्चा हुई। इस दौरान यह भी जानकारी दी गई कि पूर्व में वर्ष 2016 में भी चार चौक पर इसका प्रस्ताव आया था परन्तु केवल डाटा सेंटर पर ही इसे स्थापित किया गया।
इस पर शफी अहमद ने कहा कि इसके लिए विस्तृत जानकारी से एमआईसी सदस्यों (MIC members) को अवगत कराना चाहिए था। इस पर पूर्व में ठेकेदारों से बैठक का भी प्रस्ताव था जो नहीं हो पाई। उन्होनें इसके लिए बनाए गए नियमों व दरों की जानकारी मांगी तो अधिकारी बगले झांकने लगे।
इस पर उन्होनें कहा कि अधिकारियों द्वारा किस नियम के तहत ठेका दिया जाता है यह सभी को ज्ञात होना चाहिए और नियमों को अधिकारी तय नहीं करेंगें बल्कि एमआईसी सदस्य तय करेंगें।