अगर जिंदा होने पर ही जरूरी दस्तावेजों के गलत इस्तेमाल होने की संभावना होती है तो मौत के बाद इसकी संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती हैं। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है तो उसके इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने सहित अन्य कामों के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।
ऐसे में जरूरी है कि जब तक इनकम टैक्स रिटर्न का प्रोसेस पूरा ना हो जाएं, तब तक पैन कार्ड को संभालकर रखें। जैसे ही मृतक का टैक्स रिर्टन का रिफंड हो जाए और डिपार्टमेंट का प्रोसेस पूरा हो जाए,
तब मृतक का अकाउंट बंद कराने के लिए पैन कार्ड आयकर विभाग को सौंप दें। विभाग को सौंपने से पहले मृतके के सभी खातों को बंद करा दें या परिवार के किसी सदस्य के नाम से ट्रासफर करा लें।
पैन कार्ड बंद कराने के लिए ये करें
पैन कार्ड बंद कराने के लिए मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को असेसमेंट ऑफिसर को एक एप्लीकेशन देनी होगी। इसमें ये लिखना होगा कि आपको पैन कार्ड सरेंडर करना है। इसके साथ ही मृतक का नाम, पैन कार्ड का नंबर, जन्मतिथि और डेथ सर्टिफिकेट को उससे अटैच करना होगा।
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आधार कार्ड का ये करें
किसी की मृत्यु के बाद भी उसका आधार नंबर किसी और को नहीं दिया जा सकता है। अगर ये खो जाता हैं तो मृतक के परिवार को परेशानी हो सकती है। आप पैन को तो सरेंडर करा सकते हैं लेकिन आधार डिएक्टिवेट करने का फिलहाल कोई तरीका नहीं है। ऐसे में आप इसे संभाल कर रखें।