गौरतलब है कि अंबिकापुर में भगवान गणेश के मंदिर की स्थापना नहीं हो पाई है। इस कमी को मठ, मंदिरों के पुजारी लगातार महसूस करते रहे हैं। बाल गंगाधर तिलक गणपति स्थापना समिति पिछले 10 साल से गणपति धाम (हाथी पखना) में गणपति मंदिर व गणपति प्रतिमा स्थापित करने की दिशा सार्थक प्रयास कर रही है।
समिति के सदस्य यहां मौजूद विशाल शिला को भगवान गणेश की प्रतिमा मानकर उनकी पूजा अर्चना करते रहे हैं। बाल गंगाधर तिलक गणपति स्थापना समिति संरक्षक भारत सिंह सिसोदिया, राजीव अग्रवाल, हरमिंदर सिंह टिन्नी एवं समिति के अध्यक्ष संतोष बिहाड़े (गोल्डी) ने पुजारियों के आह्वान पर अपनी उपस्थिति देते हुए गणपति की भव्य प्रतिमा एवं मंदिर स्थापना का संकल्प लिया।
इस संकल्प कार्यक्रम में पुजारियों में प्रमुख रूप से पंडित विजय शंकर तिवारी, पंडित कृष्ण तिवारी, पंडित वेंकटेश्वर उपाध्याय, पंडित अभिषेक दुबे, पंडित पीतांबर चक्रवर्ती, पंडित पवन द्विवेदी सहित बाल गंगाधर तिलक गणपति समिति के शरद सिन्हा, अनीश सिंह, धीरज सिंह, रितेश राय, नीरज पांडेय सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
यहां के मिट्टी से ही करते हैं गणपति प्रतिमा की स्थापना
समिति के संरक्षक भारत सिंह सिसोदिया एवं राजीव अग्रवाल ने बताया कि विगत 7 वर्षों से बाल गंगाधर तिलक गणपति स्थापना समिति द्वारा शहर में सामूहिक गणेश विसर्जन कार्यक्रम घड़ी चौक पर आयोजित करते आ रहा है।
इसकी शुरुआत हाथी पखना में स्थित गणपति धाम से वंदना कर तथा यहां से मिट्टी लेकर शहर में स्थापित गणेश प्रतिमा के पंडालों में मिट्टी रखकर करते हैं। इसके बाद ही गणपति की स्थापना जगह-जगह होती है। आज जिस प्रकार का संकल्प शहर के पुजारियों द्वारा लिया गया है, इससे शहर में और भक्तिमय माहौल निर्मित होगा।
शहर के सभी लोग गणपति का एक स्थान पर आकर दर्शन कर सकेंगे और जागृत होंगे। उन्होंने कहा कि हाथी पखना में आवाजाही और बढ़े, इसके लिए यहां से एक मु_ी मिट्टी लेकर पंडालों में गणपति की स्थापना करें। इससे एक सर्किट बनेगा और लोग मटकोडऩ के लिए यहां आएंगे, जिससे शहर में एक अच्छा वातावरण निर्मित होगा।