मंगलवार को उन्होंने ऐसे 12 बच्चों को स्कूल भेजा। इनमें से 7 बच्चों का एडमिशन नगर निगम दफ्तर के सामने केदारपुर स्कूल में कर लिया गया जबकि 5 को बुधवार को बुलाया गया है। इन बच्चों को ड्रेस व किताबें भी दी गईं। स्कूल जाकर बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
इसके बाद 31 जुलाई के अंक में ‘स्कूल में नहीं मिला दाखिला तो स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ रहे बच्चे’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया गया। खबर पढ़कर प्रशासन द्वारा बच्चों के भविष्य को देखते हुए पहल की गई और 7 बच्चों का केदारपुर स्कूल में दाखिला कराया गया। उन्हें डे्रस व किताबें भी प्रदान की गईं।
वहीं 5 बच्चों का एडमिशन बुधवार को लिया जाएगा। अब ये बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर अपना भविष्य गढ़ सकेंगे। स्कूल जाकर इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देखी गई। एडमिशन मिलने के बाद शासन की महत्वपूर्ण आरटीई योजना के तहत हर बच्चे को पढऩे का अधिकार सार्थक होता दिखाई दे रहा है।
बच्चों ने ये बताया
स्कूल से लौट रहे बच्चों से जब पत्रिका ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 2 मैडम मंगलवार की सुबह उनके पास आए थे। वे उनका नाम नहीं जानते हैं। उन्होंने सभी को स्कूल चलने कहा। यहां उनका दाखिला लिया गया। किताबें व ड्रेस भी दी गईं। बच्चों का कहना था कि स्कूल जाकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है, अब वे और भी मन लगाकर पढ़ाई करेंगे।
इन बच्चों का हुआ एडमिशन
खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन द्वारा कलाकेंद्र मैदान में तंबू लगाकर अपने माता-पिता के साथ रहने वाले 12 बच्चों की खोजबीन की गई। जिन 7 बच्चों को स्कूल में दाखिला किया गया, उनमें राजकुमार सिंह, राज, सूरज, मंगलू, शिवा, भोला सिंह व राजा शामिल हैं। वहीं 5 बच्चों गौरी, लाली, हिना, सोनू व संजय को बुधवार को दाखिला दिया जाएगा।