इस खबर को सुनते ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली से अपना अन्य कार्यक्रम रद्द कर रविवार की शाम चार्टर प्लेन से अंबिकापुर पहुंचे और मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ एवं शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने डीन से मृत बच्चों के संबंध में पूरी जानकारी ली। वहीं नवजातों की मौत मामले की जांच के लिए उन्होंने राज्य स्तरीय जांच टीम गठित की।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अस्पताल में उपचार के दौरान विगत 36 घण्टे में हुई 5 नवजातों की मृत्यु के मामले में राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों एवं चिकित्सकों से विस्तार से जानकारी ली।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिस भी स्तर पर कमियां महसूस की जा रही है उसे दुरूस्त कर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उलब्ध कराएं। प्री मेच्योर बच्चों के जन्म के कारण तथा वजन में कमी के कारणों का गहन अध्ययन करें। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी दूर करने की आवश्यकता है। इसके लिए गर्भधारण के समय से ही खून की कमी को दूर करने आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराएं।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि नवजात शिशुओं के मृत्यु के मामले की जांच हेतु राज्य स्तरीय टीम गठित कर दी गई है जो कुछ ही दिनों में यहां जांच करने आएगी। टीम द्वारा किसी स्तर पर लापरवाही या किसी अधिकारी कर्मचारी को दोषी पाया जाता है तो उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
सिंहदेव ने कहा कि मरीजों एवं उनके परिजनों के प्रति सदभावपूर्ण व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों का जन्म इसी अस्पताल में हुआ है उन बच्चों को बहुत दिनों तक उपचार की जरूरत नहीं पडऩी चाहिए।
इसी प्रकार जो मरीज अन्य अस्पतालों से आते हैं उनके लिए भी उचित व्यवस्था उपलब्ध कराना होगा। सिंहदेव ने इस दौरान अस्पताल में भर्ती बच्चों के स्वजनों से भी चर्चा की और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के आश्वासन दिए।
डीन ने दी ये जानकारी
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर मूर्ति ने बताया कि सभी मृत नवजातों का प्रीमेच्योर बर्थ हुआ था। सभी नवजातों में कई जन्मजात बीमारियों के लक्षण थे जैसे जन्मजात सांस लेने में तकलीफ, अपरिपक्व फेफड़े, वजन कम, मां का दूध पीने में तकलीफ आदि लक्षण थे।