खनिज न्यास निधि में घोटाला, प्रशासन के जांच पर उठ रहे सवाल… रिपोर्ट में 2 करोड़ की हेराफेरी का खुला राज
फिलहाल अंजनहिल माइंस में 48 लाख मैट्रिक टन कोयला रिजर्व है एसईसीएल चिरमिरी एरिया में वर्ष 1995-96 में अंजनहिल भूमिगत खदान बरतुंगा खुली थी। जिसमें रोजाना तीन हजार टन कोयला उत्पादन होता था। 6 मई 2010 को माइंस के भीतर विस्फोट से हादसा हुआ था। जिसमें जीएम ऑपरेशन, पांच इंजीनियर सहित 15 अधिकारी-कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
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ओपन कास्ट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव भेजा था एसइसीएल चिरमिरी की ओर से भूमिगत खदान को ओपन कास्ट परियोजना के रूप में दोबारा शुरू करने के लिए हेड क्वार्टर को प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन ओपन कास्ट प्रोजेक्ट बनाने की प्रक्रिया में काफी लंबा समय लगने को ध्यान में रखकर अंडरग्राउंड माइंस खोलकर निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया। क्योंकि ओपन कास्ट माइंस के लिए खदान के ऊपर शहर की सबसे घनी आबादी बसी है। जिससे आबादी को विस्थापित कर दूसरे स्थान पर बसाने में मशक्कत करनी पड़ सकती थी।