बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरी थाना क्षेत्र स्थित सबाग पंचायत के नवाडीह खुर्द निवासी 62 वर्षीय बुधन यादव पिता मथु यादव, छोटा भाई परशु यादव व भतीजा दिनेश यादव अपने 25 मवेशियों को चुनचुना पुंदाग रोड पर बंदर चुआ घाट के आगे जंगल में बनाए गए बथान में रखते थे।
बूढ़ापहाड़ में सक्रिय है मृत्युंजय व राजीव का दस्ता
इस वारदात के पीछे झारखंड के बूढ़ापहाड़ में सक्रिय माओवादियों का हाथ बताया जा रहा है। पुलिस अफसरों का कहना है कि पूर्व में कुख्यात माओवादी अरविंद के मौत व वीरसाय के आत्मसमर्पण के बाद अभी भी वहां कई ग्रुप सक्रिय हैं। इसमें मृत्युंजय व राजीव बड़े लीडर हैं। इनकी धरपकड़ के लिए दोनों राज्य की पुलिस कोशिश कर रही है।
दो दिन पहले ही हुई थी बैठक
माओवादी वारदात ने सरहदी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभी दो दिन पूर्व ही झारखंड के गढ़वा मुख्यालय में दोनों राज्य के आला अफसरों की बैठक हुई थी। इसमें अधिकारियों ने माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने संयुक्त रणनीति बनाई थी तथा बार्डर को सील कर २४ घंटे जांच करने का निर्णय लिया था।
बॉर्डर पर तेज कर दी गई है सर्चिंग
माओवादियों द्वारा पूर्व में बिछाए गए आइइडी की चपेट में आने से चरवाहे व मवेशी की मौत हो गई है। बार्डर पर सर्चिंग तेज कर दी गई है।
पंकज शुक्ला, एएसपी, बलरामपुर