तीनों ठेकेदारों पर 1 करोड़ से भी अधिक रकम बकाया है। इसी मामले को लेकर कुछ दिन पूर्व हुई सामान्य सभा की बैठक में विपक्ष ने हंगामा करते हुए सत्ता पक्ष पर सवाल उठाए थे। इस मामले को पत्रिका ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद निगम की तरफ से नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि नगर निगम क्षेत्र में सरगुजा सदन, राजमोहनी भवन व एक अन्य भवन ठेके पर संचालित हैं। लेकिन तीनों भवन के ठेेकेदारों द्वारा वर्ष 2017 से अभी तक किराया जमा नहीं किया गया है, इसकी वजह से बकाया राशि 1 करोड़ 10 लाख हो गई है।
कुछ दिन पूर्व निगम की सामान्य सभा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज, पार्षद आलोक दुबे व मधुसूदन शुक्ला ने इस मामले को उठाते हुए सत्ता पक्ष पर तीखे सवाल दागे थे। इस मुद्दे को लेकर निगम में जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष व सत्ता पक्ष में तीखी बहस भी हुई थी।
विपक्ष ने ठेकेदार द्वारा निगम को दिए गए 82 लाख के बिल को लेकर भी कहा था कि इसमें भी गड़बड़ी है, इस पर सत्ता पक्ष ने कहा था कि जब भुगतान हुआ ही नहीं तो गड़बड़ी कैसे हो सकती है।
इस मामले को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद निगम आयुक्त ने तीनों भवनों के ठेकेदारों को नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर बकाया राशि जमा करने को कहा है।
नोटिस में इस बात का उल्लेख
निगम आयुक्त द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि इस पत्र के माध्यम से अंतिम सूचना दी जा रही है कि अगर नोटिस प्राप्ति के 7 दिन के भीतर वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक का शेष किराया जमा नहीं किया गया तो भवनों को सील कर निगम के आधिपत्य में ले लिया जाएगा। साथ ही आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।