उत्तर प्रदेश क्राइम ब्यूरो की 2017 रिपोर्ट की हालांकि अभी कोई रिपर्ट पुलिस विभाग की तरफ से सार्वजानिक नहीं की गई है, लेकिन जिले में रोज होने वाली घटनाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली ख़बरों पर यदि नजर डालें तो जिले से कई कई दिन बीत जाने के बाद भी किसी बड़े अपराध का होना नहीं पाया जा रहा है। लोगों में भी अब इस बात का एहसास हो चला है कि जिले के अपराधों के ग्राफ में बड़े अपराध कम हो रहे हैं, जो जिले के निवासियों के लिए राहत के संकेत हैं।
लगातार अपराधियों की हुई है धरपकड़
अपराधों पर नियंत्रण को लेकर शासन की मंशा के अनुरूप पुलिस की तरफ से लगातार कार्रवाईयां देखने को मिल रही हैं। जिले में काफी दिनों से हो रही लूट, डकैती, अपहरण, फिरौती जैसे कई गंभीर अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस की सक्रियता साफ़ तौर पर देखने को मिली है। इस तरह के अपराधों पर नियन्त्रण के लिए पुलिस की तरफ से स्थानीय पुलिस और स्वाट टीम के संयुक्त अभियान से दर्जनों अपराधियों को पकड कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। आम तौर पर जिले वासियों को रोड होल्डप, छिनैती, वसूली और लूट जैसी घटनाओं के अलावा घरों में होने वाली चोरियों का शिकार होना पड़ता रहा है, लेकिन अपराधियों को लगातार पकड़ कर जेल भेजे जाने के बाद से इस तरह के अपराधों में कमी दिखाई पड़ रही है।
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर भी हुआ है नियन्त्रण
समाजवादी प्रति की सरकार में महिलाओं के साथ लगातार हो रहे अपराधों से पिछली सपा सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा खोल रखा था और विधानसभा चुनाव में घोषणा किया था की अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर नियंत्रण किया जाएगा। इस कड़ी में योगी सरकार बनते ही प्रदेश के सभी थानों में एंटी रोमियो स्कैड का गठन कर सड़कों पर महिलाओं के साथ होने वाली छेड़खानी और अन्य अपराध पर नियंत्रण करने का दावा किया गया। सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के कई मामले ऐसे भी आये जिसमे प्रदेश सरकार की काफी किस्किरी भी हुई, लेकिन एंटी रोमियो स्कैड का इस जिले में इतना तो असर है कि सार्वजनिक स्थलों, बाजारों और लड़कियों के स्कूलों के आसपास छेड़खानी की घटनाओं पर लगाम लगा है। इसके अलावा महिलाओं के साथ होने वाले और भी अपराधों में कमी दिखाई पड़ रही है।
साम्प्रदायिक तनाव और दंगे के मामले शून्य
प्रदेश में अम्बेडकर नगर जिले के कुछ थाने काफी संवेदनशील माने जाते हैं और पिछले कई वर्षों में कई मामलों को लेकर यहाँ साम्प्रदायिक तनाव और दंगे हो चुके हैं। पिछली सपा सरकार के बनने के कुछ दिन बाद ही जिले का बुनकर बाहुल्य क़स्बा टांडा का अलीगंज और टांडा थाना क्षेत्र दो हत्याओं के कारण दो बार दंगे का दंश झेल चुका है, लेकिन योगी सरकार में इस जिले में किसी भी थाना क्षेत्र में कोई साम्प्रदायिक तनाव का मामला सामने नहीं आया । कुछ दिनों पहले कांवर यात्रा के दौरान ट्रक से कुचल कर और करेंट लगने से दो कांवरियों की अलग अलग घटनाओं में हुई मौत के बाद हुए उपद्रव में जमकर तोड़ फोड़ और आगजनी हुई, जिस पर पुलिस ने सख्ती से नियंत्रण कर दर्जनों आरोपियों को जेल भेज की राह दिखाई ।
त्योहारों में दिखा साम्प्रदायिक सद्भाव
बीते दिनों दुर्गापूजा और मुहर्रम एक साथ पड़ जाने के कारण प्रशासन और पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि दोनों आयोजनों को बिना किसी हिंसा या बवाल के किस तरह से सकुशल सम्पन्न कराया जाय । वजह यह रही कि जिले के सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र टांडा समेत कई अन्य क्षेत्रों में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और ताजिया का जुलूस एक ही दिन होना था । इन दोनों आयोजनों को लेकर प्रशासन की सतर्कता और दोनों समुदाय के सम्भार्ट लोगों के साथ बैठके कर पुलिस और प्रशासन ने बहुत ही सराहनीय ढंग से एक ही दिन अलग अलग समय पर दोनों आयोजन सकुशल सम्पन्न कराया, जिसको लेकर पुलिस और प्रशासन की काफी सराहना हुई f कुछ स्थानों पर छिटपुट विवाद को छोड़ कर जिले में कोई बड़ी वारदात नहीं हुई इस प्रकार से अगर देखा जाय तो प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर चाहे जो भी सवाल उठ रहे हों, लेकिन अम्बेडकर नगर में अपराधों के मामले में स्थिति काफी बेहतर नजर आ रही है और निश्चित तौर पर यह योगी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है ।