उन्होंने कहा कि जिस धौली (दान) की जमीन का मालिकाना हक ब्राह्मण परिवारों को कांग्रेस सरकार ने दिया था, वह यह सरकार ब्राह्मण परिवारों से छीन रही है, यह बेहद ही निंदनीय है। शैलजा ने कहा कि हमारा प्रदेश पहले ही नशे की दलदल में फंसता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार का फैसला जिसमें शॉपिंग मॉल में शराब की बिक्री की छूट, बीयर के दामों में कमी, रात एक बजे तक बार खोलने की अनुमति देना और घर में शराब की पेटियां रखने की छूट देना बताता है कि सरकार प्रदेश में नशे को बढावा देने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार में शामिल दल चुनाव में प्रदेश में शराबबंदी की बात करते थे, परंतु आज इन लोगों का असली चेहरा प्रदेश की जनता के सामने आ गया है। सरकार के इस फैसले के गंभीर परिणाम होंगे और प्रदेश का युवा जो पहले ही नशे के दलदल में फंसा जा रहा है वह और तेजी से नशे के दलदल में फंसेगा। अब घर-घर से शराब की सप्लाई होगी और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी इसका सीधा असर होगा।
शैलजा ने कहा कि वर्ष 2011 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तो उस समय कांग्रेस ने कानून बना ब्राह्मण समुदाय के लोगों को धौली (दान) की जमीन का मालिकाना हक दिया गया था। इसके अंतर्गत 37,836 धौलेदार 14,187 एकड़ जमीन के मालिक बन गए थे।