उन्होंने धरने पर बैठी महिलाओं को समझाइश का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं अपनी मांग पर अड़ी हुई रही। रीको औद्योगिक क्षेत्र निवासी चंदों बंजारा पत्नी धन्नाराम ने बताया कि उसके एक पुत्र की शराब पीने से करीब एक वर्ष पहले मौत हो गई। उसके पांच बच्चें व उसकी पत्नी का वह मेहनत मजदूरी कर पालन-पोषण कर रही हैं। यदि शराब का ठेका यहां खुलता हैं तो उसका छोटा बेटा भी शराब पीकर मर जाएगा। यहां किसी भी हालत में शराब का ठेका नहीं खुलने दिया जाएग।
हादसों की रहती है आशंका शराब के ठेके के पास रेल लाइन व मेगा हाईवे होने के कारण आए दिन हादसे होने की आशंका भी रहती है। शराब के ठेके को अन्यत्र खोले जाने की पुरजोर मांग की हैं। लीला देवी बंजारा का कहना था कि घरों में आदमी शराब पीकर आते हैं और मारपीट करते रहते हैं, वो मेहनत मजदूरी कर अपने घर जाती हैं तो उनके साथ आए दिन लड़ाई-झगड़ा करते हैं। शराब के ठेके के पास ही रेल लाइन व मेगा हाईवे भी हैं। यदि कोई हादसा होता हैं तो उसके जिम्मेदार शराब ठेकेदार व प्रशासन होगा।
शराबी मचाएंगे उत्पात ढलाई की दुकान करने वाले नरेश सैनी का कहना है कि यदि शराब ठेका खुलता हैं तो रात में शराबी शराब पीकर उत्पात मचाएंगे और चोरी की घटनाओं को अंजाम देंगे। उक्त मार्ग से महाविद्यालय में अध्ययन के लिए जाने वाली छात्राओं को भी शराब ठेका खुलने से परेशानियों का सामना करना पडे़गा। महिलाओं का कहना हैं कि शराब ठेके को यहां से अन्यत्र नहीं खोले जाने तक उनका धरना जारी रहेगा। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों से भी संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई।