इस तरह दिया था घटना को अंजाम छोटू उर्फ धर्मेन्द्र ने अपने ही गांव के चचेरे भाई कुलदीप व लालचंद को दो-ढाई माह पूर्व बताया कि उसके सेठ के दुकान में भारी कमाई की है और सांय को दुकान बढ़ाने के वक्त वह लाखों रुपए बैग में रखकर घर ले जाता है। आर्थिक तंगी में चल रहे सुरेश कुलदीप व लालचंद तथा उनके ही गांव में रह रहे पुल्हाणा, हरियााणा के निवासी सुनिल ने अपनी आर्थिक तंगी दूर करने के लिए धमेन्द्र के सेठ को दुकान बढ़ाने के उपरान्त हथियारों के बल पर लूटने की योजना बनाई और इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए पुन्हाणा निवासी सुनील ने हथियारों की व्यवस्था की। घटना के दौरान सुनील ने बाइक चलाई और लालचंद व कुलदीप पीछे बैठे थे। घटना को अंजाम देते वक्त एप्रेन पहना हुआ था जो कि अस्पतालों में काम आता है। सुनील बघेरी कलां में अस्पताल में रहता था वहीं से उसने मास्क व एप्रेन चोरी किए थे।
यह था मुख्य घटनाक्रम किराना व्यापारी मुकेश गर्ग घटना के दिन देरी से 7 बजे दुकान पहुंचा। आरोपित भी दुकान के बाहर आ गए। दोषियों ने व्यापारी से लूट करने के लिए उसके दुकान बढ़ाने तक का इंतजार किया। वारदात करने के लिए लालचंद व कुलदीप गए। वारदात की शुरुआत कुलदीप ने की, और व्यापारी से बैग छीना। बैग छीनते वक्त बैग का एक हत्था मुकेश के हाथ में रह गया व दूसरा कुलदीप के हाथ में आ गया। इसके बाद कुलदीप ने जमीन में फायर किया तो मुकेश ने तुरंत बैग छोड़ दिया। कुलदीप जैसे ही बैग लेकर भागा तो मुकेश ने उसका पीछा किया, कुलदीप को लगा कि मुकेश ने उसे पहचान लिया है तो उसने फायर कर दिया। इसके बाद वे खैरथल में अंडरपास से होकर
हनुमान मंदिर के पीछे स्थित पहाडिय़ों में गए और 40-40 हजार आपस में बांट दिए।
दोषियों ने पूछताछ में बताया कि उनका इरादा लूट कर पैसे कमाना था, लेकिन मुकेश ने उन्हे देख लिया तो उन्हे गोली चला दी।