किसानों के अनुसार खरीद केंद्र पर बारदाना नहीं होने के चलते पांच दिनों से एक भी किसान की सरसों की तुलाई नहीं हो सकी। इधर तुलाई बंद होने से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद में किसान सस्ते दामों में अपनी सरसों को मंडी में बेचने को मजबूर है। जिससे किसानों को आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारदाने के अभाव में सरसों खरीद बंद होने से किसानों को सरसों पर 800 से 900 रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल तक का नुकसान हो रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 5450 रुपए निर्धारित किया है। जिस पर किसानों की सरसों की खरीद की जा रही है, जबकि कृषि उपज मंडी व बाजार में व्यापारी सरसों को 4600 रु प्रति ङ्क्षक्वटल में खरीद रहे हैं। किसान प्रदीप जैन मौजपुर, मोहरपाल प्रजापत, शैतानङ्क्षसह, असलम, लाल मोहम्मद का कहना है कि किसानों की समस्या देखते हुए सरसों के लिए बारदाना शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। यदि खरीद शुरु होने से दो माह पहले पर्याप्त बारदाना पहुंच जाता तो दिक्कत नहीं होती। इधर,क्रय-विक्रय सहकारी समिति लि. के सेल्समैन व लेखापाल महिपाल का कहना है कि बारदाना खत्म होने के चलते खरीद बंद है, बारदाना आते ही खरीद शुरू कर दी जाएगी।
24 दिन शेष कैसे होगी 1381 किसानों की सरसों की खरीद खरीद केंद्र पर 30 जून तक सरसों की खरीद हो सकेगी। अब मात्र 24 दिन शेष बचे हैं। केवल इतने दिनों में 1381 किसानों की सरसों की खरीद कैसे की जाएगी, जबकि खरीद केन्द्र पर प्रतिदिन मात्र दस-दस किसानों की सरसों की खरीद की जा रही है।
एक केन्द्र पर तुलाई लक्ष्मणगढ़ के अलावा ईटेडा व मौजपुर में खरीद केंद्र स्वीकृत है। ऐसे में तीनों केंद्रों पर प्रतिदिन 10-10 किसानों की सरसों की खरीद व तुलाई होनी थी, लेकिन ईटेडा व मौजपुर में खरीद बंद है। इसी तरह लक्ष्मणगढ़ खरीद केंद्र पर प्रतिदिन 30 किसानों की सरसों की तुलाई की जानी थी, लेकिन 10 किसानों की सरसों की तुलाई की जा रही है।
1584 किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन
खरीद केंद्र में सरसों बेचने के लिए अब तक क्षेत्र के 1584 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। जिस के विपरीत मात्र अब तक 197 में किसानों के 10802 कट्टों की सरसों की खरीद की जा सकी है।