ग्रामीणों को कहना है कि यह कुआं लगभग 30 वर्ष से भी अधिक समय से सूखा पड़ा है, जिसमें 5 से 6 फीट अचानक पानी आया है। अभी पानी बहुत गंदा है, लेकिन आश्चर्य जनक विषय यह है कि पानी का स्तर बिल्कुल भी कम नहीं हुआ है। इन दो कुओं में पानी आने का लोगों में कौतूहल है। आज पीतमपुरा बांध के समीप स्थित मुरारी यादव के कुएं में 6 फीट पानी आया है। गांव रोनीजा थान में भी एक सूखे कुएं में पानी देखे जाने पर ग्रामीणों ने अवगत कराया है। लोगों का कहना है कि जलस्तर बहुत नीचे है। ऐसे में कुओं में पानी आना चमत्कार से काम नहीं है। बहरहाल वास्तविकता क्या है, यह तो आने वाले समय में पता लगेगा, लेकिन फिलहाल सूखे कुओं में पानी आने की चर्चा आमजन में है।
वैज्ञानिक ही बता सकते हैं मामले में पीएचडी के कनिष्ठ अभियंता चतर सिंह प्रजापत का कहना है कि सूखे कुओं में पानी कई दशक पहले की तरह स्रोत का पानी नहीं है। संभवतः यह किसी चट्टान पर एकत्रित पानी को कुएं के लिए रास्ता मिल जाने से एकत्रित हुआ होगा। हालांकि इधर जल स्तर 300 फीट से भी नीचे है। ऐसे में चट्टान पर इकट्ठे पानी की संभावना नहीं बनती, बाकी भू गर्भ अन्वेषक अथवा वैज्ञानिक सही बता पाएंगे। इधर वरिष्ठ भूजल निरीक्षक लक्ष्मण सिंह राठौड़ का कहना है कि बिना जांच या अनुसंधान के कुछ नहीं कहा जा सकता। सूख चुके कुएं में फिर से पानी आने की चर्चाएं सुनी जा रही है। एक-दो दिन में टीम की विजिट कराने के बाद ही कुछ पता लगाया जा सकता है।