अलवर. विधानसभा चुनाव में करीब छह माह बचे हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों के नेताओं में टिकटों के लिए दौड़ शुरू हो गई है। भाजपा नेताओं में भी इसके लिए होड़ लगी है। कोई जयपुर तो कोई दिल्ली दौड़ रहा है। अपने पकड़ के नेताओं से सिफारिशें आदि करवा रहे हैं। साथ ही वह टिकट के लिए क्षेत्रों में सक्रियता दिखाने में जुटे हैं। राजनीतिक पंडित कहते हैं कि भाजपा में किसी का भी टिकट कंफर्म नहीं है, चाहे वह सिटिंग विधायक को या फिर कोई अन्य प्रभावशाली व्यक्ति। पार्टी के खांचे में जो फिट बैठेगा वही टिकट का हकदार होगा।
जिले में 11 विधानसभाएं हैं। भाजपा के पास दो विधायक हैं। बाकी दूसरे दलों के एमएलए हैं। इस बार भाजपा खेमे से ही हर सीट पर चार-चार दावेदार नजर आ रहे हैं। बताते हैं कि हाल ही में सांसद आवास पर हुए कार्यक्रम में पहुंचे राष्ट्रीय व प्रांतीय भाजपा नेताओं से अकेले में स्थानीय नेताओं की मुलाकात हुई, जिन्होंने टिकट के लिए प्रस्ताव रखा। इसी तरह जनाक्रोश रैली के जरिए उन्होंने अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया। इसके अलावा यह नेता शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी सक्रियता दिखा रहे हैं। अपना प्रोफाइल आदि मजबूत बनाने में जुटे हैं। इन नेताओं की सक्रियता से बड़े-बड़े धुरंधर नेताओं की नींद उड़ी हुई है। उन्हें डर है कि कहीं यह टिकट में सेंध न लगा दें। बताते हैं कि इन दौड़ लगा रहे नेताओं के पीछे बड़े नेताओं ने अपने गुप्तचर भी लगाए हैं।
विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस को एंटी इनकम्बेंसी का डर सताने लगा है। कांग्रेस अब विधायकों को 24 अप्रेल से शुरू होने राहत कैम्पों के माध्यम से अपना रिपोर्ट कार्ड सुधारने की नसीहत दे, हाथ से टिकट खिसकने की चेतावनी भी दे चुका है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में महज सात महीने का समय बचा है, इसमें विधायक एवं टिकट के दावेदारों के पास अपना रिपोर्ट कार्ड सुधारने के लिए करीब 5 महीने का समय शेष है।
आंतरिक सर्वे के बाद कवायद शुरू : वैसे तो कांग्रेस पार्टी के नेताओं की ओर से प्रदेश में सरकार रिपिट होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पार्टी की ओर से कराए गए आंतरिक रिपोर्ट कुछ और ही बयां कर रही है। कांग्रेस के रणनीतिकार अब बचे समय में पार्टी की छवि में सुधार कर विधायकों एवं सरकार के प्रति एंटी इनकम्बेंसी को कम करने के प्रयास में जुटी है।
विधायकों से की सामूहिक मुलाकातकांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने गुरुवार को अलवर जिले के कांग्रेस विधायकों को दल के रूप में एक साथ बातचीत के लिए बुलाया। इस दौरान जिले में कांग्रेस की रिपोर्ट ली गई। वहीं प्रदेश प्रभारी एवं मुख्यमंत्री ने जिले के कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों को राहत कैम्पों में राज्य सरकार की योजनाओं को पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने में जुटने की जरूरत बताई।