अलवर

राजस्थान के इस जिले में एक बार फिर बनेगी ‘बाघों की नर्सरी’, ये होंगे कई फायदे

सरिस्का टाइगर रिजर्व की अलवर बफर रेंज बाघों के लिए पहले भी सुखद रही है। रियासतकाल से यहां बाघों की मौजूदगी रही है।

अलवरJul 27, 2023 / 01:14 pm

Nupur Sharma

अलवर/पत्रिका। सरिस्का टाइगर रिजर्व की अलवर बफर रेंज बाघों के लिए पहले भी सुखद रही है। रियासतकाल से यहां बाघों की मौजूदगी रही है। साठ के दशक तक यहां वन्यजीवों के शिकार का परमिट भी मिलता था। यही बाला किला क्षेत्र का जंगल एक बार फिर बाघों की नर्सरी बनने की तैयारी में है।

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सरिस्का की अलवर बफर रेंज में बाघों की मौजूदगी अलवर शहर के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है। प्रदेश में आबादी क्षेत्र के इतने समीप सरिस्का की अलवर बफर रेंज ही है। वर्तमान में यहां बाघों का कुनबा बढ़कर 6 तक पहुंच चुका है। यह जंगल बाघों के लिए बेहतर माना जाता है। इस कारण यहां का बाघ किसी दूसरी जगह टेरिटरी की तलाश में नहीं जाता। पूर्व सरिस्का से यहां आए बाघ एसटी-18 एवं बाघिन एसटी-19 यहीं टेरिटरी बनाकर रहने लगे। इतना ही नहीं चार साल से भी कम समय में यहां बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ा और दो बार बाघिन एसटी-19 ने दो- दो शावकों को जन्म दिया। इनमें दो शावकों की उम्र करीब दो साल हो चुकी है और ये शावक इन दिनों अलवर शहरवासी ही नहीं, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हैं। बाघों को सरिस्का की अलवर बफर रेंज का बाला किला जंगल खूब रास आता है। अलवर की पूर्व रियासत से जुड़े वन्यजीव प्रतिपालक नरेन्द्रसिंह राठौड़ बताते हैं कि बाला किला जंगल में पहले भी 6-7 बाघ रह चुके है।

बाघ बढ़े तो रोजगार के खुल जाएंगे द्वार
सरिस्का की अलवर बफर रेंज में बाघों का कुनबा इसी तरह बढ़ता रहा तो अलवर के समीप एक नया टूरिज्म हब तैयार हो सकेगा। इसका सीधा लाभ अलवरवासियों को मिलेगा। यहां होटल व्यवसाय को पंख लगने के साथ ही टैक्सी व्यवसाय, रेस्टोरेंट, पेइंग गेस्ट कल्चर तेजी से पनप सकेगी, इससे लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सकेगा।

रेंज का बढ़े दायरा, नए पर्यटक रूट बने
अलवर बफर रेंज में बढ़ते बाघों को देखते हुए इस रेंज का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। अभी अलवर बफर रेंज का क्षेत्रफल करीब 350 वर्ग किमी है। इसमें सड़क, गांव आदि बसे होने से बाघों के विचरण के लिए क्षेत्र छोटा है। यहां बाघों की संख्या 6 है। आगामी समय में इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है, इस कारण इस रेंज का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। वहीं अलवर बफर रेंज में बसे गांव विस्थापन की योजना में भी शामिल नहीं है।

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बफर रेंज का दायरा बढ़ाने के प्रयास
अलवर बफर रेंज का दायरा बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बाघों के लिए अलवर बफर रेंज अच्छा जंगल है।-डीपी जागावत, डीएफओ, सरिस्का टाइगर रिजर्व अलवर

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