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Sariska Tiger Reserve: सरिस्का में बसे गांवों को विस्थापित करने के काम में आएगी तेजी, सरकार ने फिर किया अवलोकन

ग्रामीणों को आशा अनुकूल मुआवजा नहीं मिलने से अटक रहा विस्थापन कार्य। सरिस्का जंगल के कोर एरिया में थे करीब 29 गांव, जिनमें से पांच गांव हो चुके विस्थापित। कुछ गांवों में आधे परिवार ही हुए विस्थापित।

अलवरJan 30, 2025 / 07:18 am

Ramkaran Katariya

अकबरपुर (अलवर)। सरिस्का बाघ परियोजना में बसे गांवों को विस्थापित करने के अटके कार्य में आने वाले दिनों में तेजी आ सकती है। इसके लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले पैकेज का पुनः अवलोकन किया जा रहा है। साथ ही शीघ्र ही इस पर आशा अनुकूल बदलाव कर ग्रामीणों को पैकेज दिया जाएगा। सरकार व विभाग की ओर से प्रक्रिया को और तेज कर दिया गया है।
सरिस्का बाघ परियोजना के जंगल कोर एरिया में करीब 29 गांव थे, जिनमें से पांच गांव भगानी, उमरी, रोटकला, डाबली, पानीढाल इन गांवों को विस्थापित किया जा चुका है, वहीं कुछ गांवों में आधे परिवार विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें हरिपुरा, काकवाडी, देवरी, क्राॅसका, नाथूसर सहित अन्य और गांव भी शामिल है। ग्रामीणों को आशा अनुकूल मुआवजा नहीं मिलने से विस्थापन कार्य अटक रहा है। अब सरकार की ओर से दिए जाने वाले पैकेज का फिर से अवलोकन किया जा रहा है।

पुराना पैकेज हमें मिलना चाहिए

सरिस्का अकबरपुर रेंज के बेरा के ग्रामीण गिर्राज गुर्जर, दिलीप रैबारी आदि का कहना है कि जो पिछला मुआवजा पैकेज 2008 और 10 का मिल रहा था, वही पुराना पैकेज हमें मिलना चाहिए, लेकिन मुआवजे में बदलाव आ गया है, जो सही नहीं है। जिसको लेकर हमने सरकार से भी मांग की है और कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं। जिसके लिए हमने अपने दस्तावेज वन विभाग को दे चुके हैं।

विस्थापन में लाएंगे तेजी

सरिस्का में बाघों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है। सरकारी चाहती है कि सरिस्का के गांव का विस्थापन जल्दी हो। राज्य सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि पूर्व में राज्य सरकार की ओर से सरिस्का के गांव के विस्थापन के लिए पैकेज अच्छा दिया जा रहा था, लेकिन गत सरकार ने इस पैकेज को कम कर दिया। इसलिए सरिस्का के जंगल में बसे ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने के लिए सहमति व्यक्त नहीं कर रहे हैं। इसलिए विस्थापन प्रक्रिया में देरी हो रही है।
उनकी इच्छा है कि अच्छा पैकेज मिले। विभाग भी यही कोशिश कर रहा है कि सहमति मिलने के बाद उनकी मन की इच्छा से उनका विस्थापन किया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आशानुकूल चर्चा की गई है और इस पर काम किया जा रहा है। विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से भी इस पर मंथन किया जा रहा है और शीघ्र ही पैकेज में बदलाव दिखेगा। विस्थापन पैकेज अच्छा होगा और इनको यहां से विस्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।

विस्थापन की प्रक्रिया लगातार जारी

सरिस्का डीएफओ अभिमन्यु शारण ने बताया विस्थापन की प्रक्रिया लगातार चल रही है, जिसमें अब वर्तमान में नाथूसर गांव की प्रक्रिया चल रही है। जहां हरिपुरा व क्राॅसका गांव की मांग है कि सर्वे की तारीख चेंज की जाए। इसके लिए भी हमने सरकार को यहां से भेजा है। सरकार तय कर सकती है कि इसके लिए क्या निर्णय होगा।

सरकार को अवगत कराया गया है

विस्थापन की प्रक्रिया लगातार चल रही है। गांवों की मांग है कि सर्वे की तारीख चेंज की जाए। इसके लिए सरकार को अवगत कराया गया है। सरकार ही तय कर सकती है।
-अभिमन्यु शारण, डीएफओ, सरिस्का।

शीघ्र ही पैकेज में बदलाव दिखेगा

सरिस्का से विस्थापन के लिए पैकेज अच्छा दिया जा रहा था, लेकिन गत सरकार ने इसे कम कर दिया। इससे ग्रामीण घर छोड़ने के लिए सहमत नहीं होने से विस्थापन प्रक्रिया में देरी हो रही है। उनकी इच्छा है कि अच्छा पैकेज मिले। इसके लिए सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आशानुकूल चर्चा की गई है। इस पर काम किया जा रहा है। शीघ्र ही पैकेज में बदलाव दिखेगा। विस्थापन पैकेज अच्छा होगा और विस्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
-संजय शर्मा, वन एवं पर्यावरण मंत्री।

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