विकास में पिछड़े औद्योगिक क्षेत्र खेरली कस्बे की पहचान रही 24 बीघा जमीन में स्थापित सालों पुरानी पेपर मिल बंद हो चुकी है। यहां अभी 2 तेल मिल, तीन खाद बीज की फैक्ट्री और एक दोने-पत्तल की फैक्ट्री संचालित है। जबकि पूर्व में संचालित 2 तेल मिल, एक दाल मिल, 2 आटा मिल व एक दोने-पत्तल की फैक्ट्री बंद हो चुकी है। इसका मुख्य कारण औद्योगिक इकाइयों के संचालन के लिए आवश्यक संसाधनों का अभाव बताया जा रहा है। इसी प्रकार 1984 में स्थापित राजगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में करीब 80 फैक्ट्रियां संचालित हैं। इसमें से कई फैक्ट्रियां बंद हो चुकी है। वहीं वर्तमान में संचालित फैक्ट्रियों में मार्बल पाउडर, डोलोमाइट पाउडर, कैल्साइट पाउडर व चाइना क्ले का उत्पादन किया जाता है। जानकारों के अनुसार राजगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में खाली प्लाट व सुविधाएं नहीं होने से नई फैक्ट्रियां नहीं लग पा रही है।
औद्योगिक क्षेत्र भूखंड अलॉट आवंटित संचालित निर्माणाधीन एमआईए 757 756 708 6 एमआईए विस्तार 221 220 195 6 एग्रो फूड पार्क 229 228 142 36 एमआईए साउथईस्ट जोन 13 13 13 0
एमआईए साउथ ईस्ट जोन विस्तार 52 43 21 5 राजगढ़ 114 110 104 2 खैरथल 134 134 134 0 खेरली 27 27 27 0 थानागाजी 63 62 16 14 पुराना औद्योगिकक्षेत्र अलवर 59 59 59 0
1419 औद्योगिक इकाइयों का संचालन अलवर जोन में 10 औद्योगिक क्षेत्र हैं। इसमें रीको की ओर से औद्योगिक इकाइयों के लिए कुल 1669 भूखंड बनाए गए हैं। जिसमें से 1652 भूखंड अलॉट किए जा चुके हैं। इसमें से 1419 औद्योगिक इकाइयों का संचालन हो रहा है। जबकि 69 भूखंडों पर उद्योग लगाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है।
सभी औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर ध्यान रीको की ओर से अलवर के सभी औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों की मूलभूत सेवाओं पर लगभग 19 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
– परेश सक्सेना, यूनिट हैड, रीको कार्यालय अलवर।