गौरतलब है कि जयपुर, अलवर, सिकंदरा, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, टोंक, मंडावर, लक्ष्मणगढ़, खेरली, कठूमर, बांदीकुई सहित अन्य सैकड़ों गांवों के लिए मालाखेड़ा से यात्रियों का इसी मार्ग से आना-जाना रहता है। जहां निजी बस व राजस्थान रोडवेज की बसें यहां ठहरती भी है, लेकिन यात्रियों को यहां खुले आसमान तले लक्ष्मणगढ़ चौराहे व सड़क पर खड़ा रहना पड़ता है। सड़क के दोनों ओर पटरी पर दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है, जिसके कारण यात्री अपने सामान के साथ मुख्य सड़क पर खड़े रहने को मजबूर रहते हैं। कई बार इस चौराहे पर दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है। बीजवाड़ नरूका से मौजपुर, नदबई की ओर जाने वाले स्टेट हाईवे 44 के लक्ष्मणगढ़ चौराहे पर किसी प्रकार का यात्री स्टैंड नहीं बनाया गया।
जुड़े हुए हैं कई गांव स्टेट हाईवे 44 के इस मार्ग से कई गांव जुड़े हुए है। इसका निर्माण कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से हो रहा है, लेकिन अभी यहां पर यात्री स्टैंड तैयार नहीं किया गया है। जिसे लेकर बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मालाखेड़ा के इस बस स्टैंड पर मूंडिया, बरखेड़ा, जमालपुर, मिर्जापुर, ढाकपुरी, पीलाढाबा, केरवा, खरकड़ा, कलसाड़ा, लिली, बडेर, सताना, चौमू सहित कई गांवों के लोग यहां से यात्रा करते हैं, जिन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
रहती है जाम की स्थिति लक्ष्मणगढ़ चौराहे पर यातायात व्यवस्थित रखने के लिए पुलिस की ओर से भी कोई ट्रैफिक व्यवस्था यहां पर नहीं है। जिससे आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इस मामले में संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई।