अलवर

सिलीसेढ झील की जर्जर नहरों को जीर्णोद्धार की जरूरत, व्यर्थ निकल रहा पानी

इन दिनों फसल सिंचाई के लिए नहर से पानी छोड़ा जा रहा है। राजा-महाराजाओं के समय से बनी होने से काफी वर्ष है पुरानी।

अलवरNov 16, 2024 / 12:34 am

Ramkaran Katariya

filter: 0; fileterIntensity: 0.0; filterMask: 0; module: video;
hw-remosaic: false;
touch: (-1.0, -1.0);
modeInfo: Beauty ;
sceneMode: 0;
cct_value: 4465;
AI_Scene: (-1, -1);
aec_lux: 127.69876;
aec_lux_index: 0;
hist255: 0.0;
hist252~255: 0.0;
hist0~15: 0.0;
albedo: ;
confidence: ;
motionLevel: -1;
weatherinfo: null;
temperature: 40;

अकबरपुर. सिलीसेढ़ झील से निकलने वाली नहरों को जीर्णोद्धार की जरूरत है। राजा-महाराजाओं के समय से बनी होने से काफी वर्ष पुरानी है। इसके कारण अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त व जर्जर हो चुकी है। जिसके कारण हजारों लीटर पानी जगह-जगह से व्यर्थ निकाल रहा है। संबंधित विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए। इन नहरों को दुरुस्त किया जाए और उनकी मरम्मत कार्य करवाना चाहिए, जिससे कि पानी की बचत हो सके।
महेश पटेल आदि ने बताया कि अलवर के महाराज की ओर से सीलीसेड झील का निर्माण करवाया गया था। तब किसानों की खेती के सिंचाई के लिए दो नहरे भी बनाई गई थी, लेकिन अब वह नहरे काफी पुरानी हो गई है। जहां इन दिनों फसल सिंचाई के लिए नहरों से पानी जा रहा है। क्षतिग्रस्त होने की वजह से नहरों में कई जगहों से पानी निकल रहा है। सिलीसेढ झील से काफी किलोमीटर तक लंबी नहर बनी हुई है, जो पुरानी होने की वजह से जर्जर है।
इन क्षेत्रों में बह रहा पानी

किसानों के अनुसार उमरैण, सिलीसेढ़ क्षेत्र, कीरों की ढाणी, सोदानपुरा व आसपास के क्षेत्र में नहरों से पानी निकालने की वजह से काफी लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। संबंधित विभाग को ध्यान देना चाहिए कि एक ओर तो पानी की समस्या रहती है, वही सरकार भी पानी की बचत के लिए लोगों को जागरूक कर रही है, लेकिन यह पानी व्यर्थ बह रहा है। इसकी रोकथाम होना जरूरी है, जिससे कि पानी की बर्बादी ना हो। इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
…………………..

नया बांध कला से सिंचाई के लिए छोड़ा पानी, किसानों के चेहरे पर खुशी

रैणी. क्षेत्र में नया बांध कला की मोरी खोले जाने के बाद किसान सरसों, चना की फसल में सिंचाई लगने लगे हैं। किसान नेतराम गुर्जर, विश्राम गुर्जर आदि ने बताया कि एक दशक के बाद नहर से पानी आया है। किसानों में खुशी का माहौल है।
खेत के किनारे नहर से पानी लाकर पंपसेट से सरसों, चना और गेहूं की फसल में पानी दिया जा रहा है। बांध के पानी से सिंचाई होने के कारण उपज भी बढ़ने की संभावना है। बांध की मोरी नंबर तीन का पानी गुर्जर बस तक पहुंच रहा है। वर्तमान में नया बांध कला की तीन मोरियों से पानी सिंचाई के लिए खोला गया है। अभी एक माह तक बांध का पानी किसानों के काम आने की संभावना है। नया बांध कला का पानी इटोली, रैणी, गुर्जर बास, बाजोली, खड़कपुर, चिमापुरा सहित अनेक गांवों के लिए काम आता है।

Hindi News / Alwar / सिलीसेढ झील की जर्जर नहरों को जीर्णोद्धार की जरूरत, व्यर्थ निकल रहा पानी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.