अलवर

प्राचीन बसवा दरवाजा जर्जर अवस्था में, हादसे को दे रहा है न्यौता

देखरेख के अभाव में खो चुका अपनी आभा

अलवरNov 13, 2024 / 06:49 pm

Ramkaran Katariya

राजगढ़. कस्बे के प्राचीन एवं ऐतिहासिक बसवा दरवाजा व उसकी दीवार प्रशासन की अनदेखी के चलते जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच गए है। नागरिकों ने बताया कि प्राचीन काल में कस्बे की सुरक्षा की दृष्टि को लेकर चारों ओर पांच दरवाजे बनवाए गए थे। वर्तमान में बसवा दरवाजा तथा उसके परकोटे की दीवार जीर्णशीर्ण अवस्था में है, जिससे हादसा होने की सम्भावना बनी रहती है।
प्रशासन की ओर से जीर्णशीर्ण अवस्था में खडे दरवाजे व उसकी दीवार की मरम्मत की कार्रवाई नहीं की जा रही है। उक्त दरवाजे में होकर बल्लूपुरा, नांगलधर्मू, ठेकडीन, कलेशान, भैंरूघाटी, भैंरू सागर सहित करीब एक दर्जन गांवों के ग्रामीण निकलते है। करीब 255 वर्ष पूर्व महाराव राजा प्रताप सिंह ने कस्बे में मालाखेडा, गणेशपोल, कांकवाडी, पई व बसवा दरवाजा का निर्माण करवाया था। दरवाजे के पिछले हिस्सों के दोनों ओर दीवारों का निर्माण भी करवाया गया था। कस्बे के विस्तार के चलते कांकवाडी दरवाजा, पई का दरवाजा आदि को तोड दिया था। नागरिकों ने जर्जर अवस्था में खडे बसवा दरवाजा की मरम्मत कराने की प्रशासन से मांग की है।

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