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अलवर का एक परिवार ऐसा जिसमें एक-दो नहीं बल्कि, 17 लोग शिक्षक बने

अलवर का एक परिवार ऐसा है जो चार पीढ़ियों से शिक्षण कार्य करवा रहा है। इस परिवार में एक दो नहीं बल्कि 17 शिक्षक है।

अलवरSep 05, 2024 / 01:08 pm

Rajendra Banjara

teachers day

इस परिवार में एक दो नहीं बल्कि 17 शिक्षक है।

Teachers Day Special News: अलवर का एक परिवार ऐसा है जो चार पीढ़ियों से शिक्षण कार्य करवा रहा है। इस परिवार में एक दो नहीं बल्कि 17 शिक्षक है। समाजसेवी अमित छाबड़ा ने बताया कि मेरे नाना वर्ष 1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से अलवर आए। पश्चिमी पाकिस्तान में उनका ड्राई फ्रूट का बिजनेस था।

अलवर आने पर विकास पथ पर रहने लगे। एक साल बाद ही सन 1948 में नानाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मेरी नानी अमृतकौर जो खुद अशिक्षित थीं, उन्होंने बच्चों को शिक्षा में आगे बढ़ाया। उनके आठ बच्चे थे, जिनमें से पांच शिक्षक बने। मेरे नाना के परिवार में चार पीढ़ियां शिक्षा से जुड़ी हुई है।

यूं चल रहा क्रम

स्व. सुदामा भगत-वर्ष 1968 से 1998 तक एसटीसी अलवर में शिक्षक रहे।
स्व. ओमप्रकाश नकड़ा 1970 से 2002 तक रा.प्रा. विद्यालय चावंड पाडी में शिक्षक रहे।
स्व. नारायणी देवी 1971 से 2003 तक रा.बा. उ. मा. विद्यालय हरसोरा में शिक्षक रही।
स्व. सुलोचना देवी 1970- 2000 तक शिक्षक रही।
स्व. कृष्णा देवी 1970 से 2001 तक रा. उ. मा. वि. रामगढ़ में शिक्षिका रही।
स्व. कृष्णा भगत 1968- 2002 तक रा. उ. मा. वि. खैरथल में शिक्षिका रही।
महेंद्रा नकड़ा 1985-2022 तक रा.उ.मा. वि. खेड़ामैदा में शिक्षिक रहे।
ज्योति नकड़ा 1995- 2013 तक रा.उ.मा. वि. भिवाडी में शिक्षिका रही।
इंद्रा नकड़ा 1986- 2020 तक रा. उ. मा.वि. कोलगांव में शिक्षिका रही।
प्रिया नकड़ा रा. प्रा. वि. बसंत विहार स्कीम नंबर 3 में शिक्षिका हैं।
सुषमा नकड़ा 1985 -2020 तक रा.बा. उ. मा. विद्यालय बहादुरपुर में शिक्षिका रही।
डिंपल नकड़ा-एनईबी में स्मार्ट किडस पब्लिक स्कूल में शिक्षिका के पद पर काम कर रही है।
विमला नकड़ा-1986-2019 तक रा.बा. उ. मा. वि. किशनगढ़ में शिक्षिका रही।
मीना कुकरेजा-1989- 2024 तक रा.उ.मा. विद्यालय खारिया, कलिराय सुजानगढ़
सीमा परूथी रा.उ.मा.वि. वरणपुर गंगानगर में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है।
हेमलता 1999 से रा.बा. उ.मा. विद्यालय रामगढ में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है।
स्व. मनोहरलाल छाबड़ा- वर्ष 1974 से 2000 तक रा.उ.मा. विद्यालय अजबपुरा में शिक्षक रहे।

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