अलवर

मंदिरों में नहीं पुजारी, कैसे लगे भगवान को भोग और कौन करे पूजा

– आठ सरकारी मंदिरों में से एक में ही पुजारी, सात में पदखाली
अलवर. जिले के अधीन आने वाले देवस्थान विभाग के मंदिरों में पुजारियों के पद खाली चल रहे, ऐसे में भगवान की भोग कैसे लगे और कौन उनकी पूजा अर्चना करे। इन मंदिरों की हालत यह कि किसी में प्रतिमा नहीं तो किसी में स्थायी पुजारी का अभाव।

अलवरJun 09, 2023 / 07:18 pm

Jyoti Sharma

मंदिरों में नहीं पुजारी, कैसे लगे भगवान को भोग और कौन करे पूजा


– देवस्थान विभाग के मंदिरों की हालत दयनीय, सालों से खाली हैं पुजारियों के पद
मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी की प्रतिमाओं की पूजा अर्चना कार्यवाहक पुजारियों के भरोसे चल रही है। कई साल गए लेकिन विभाग की ओर से मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। यह हाल हैं देवस्थान विभाग मंत्री के गृह जिले के।
सरकारी नियम की भेंट चढ़ी नियुक्ति

देवस्थान विभाग के मंदिरों में 60 साल व उससे अधिक आयु के पुजारी की नियुक्ति के नियम हैं। यानी उम्र पुजारियों की नियुक्ति में बाधा बन रही है। जिन पुजारियों की मृत्यु हो गई है या जो पूजा अर्चना नहीं कर रहे हैं उन मंदिरों में स्थाई पुजारी नहीं मिल पा रहे हैं।
फैक्ट फाइल

आत्म निर्भर श्रेणी के मंदिर- 8

सुपुर्दगी श्रेणी के मंदिर- 34

सहायता प्राप्त श्रेणी के मंदिर- 630

प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के मंदिर- कोई नहीं

राधागोविंद देव मंदिर में है पुजारी, शेष में पद खालीअलवर जिले में वर्तमान में देवस्थान विभाग के आठ मंदिर है। जो कि आत्मनिर्भर श्रेणी के हैं। इन सभी मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति विभाग की ओर से ही की जाती है। ये पुजारी ही सेवा पूजा का काम करते हैं। वर्तमान में एक मात्र राधागोविंद देव जी मंदिर में ही पुजारी कार्यरत है। जबकि गोपीवल्लभ जी मंदिर सागर ऊपर, हजारी का मौहल्ला मथुराधीश, थानागाजी के द्ववारापुर में, गोविंदगढ किले में गोविंद देव मंदिर, टहला के बलदेवगढ में लक्ष्मीनारायण मंदिर और कठूमर के कांकरोली में मुरली मनोहर जी महाराज मंदिर में पुजारी का पद खाली है। जबकि रैणी के डेरा के दाउजी मंदिर में ना तो प्रतिमा है और ना ही पुजारी। यहां पर सालों से पद खाली ही पडे़ हुए हैं।
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देवस्थान विभाग के जिन मंदिरों में पुजारियाें के पद खाली है वहां पर नियुक्ति की कार्रवाई चल रही है। रैणी के बलदाउजी मंदिर में शुभ मुहूर्त में नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी। प्रतिमा खरीद ली गई है। पुजारी की नियुक्ति के लिए साठ साल की आयु चाहिए। इसलिए पुजारी की नियुक्ति में परेशानी हो रही है।सुमित वर्मा, निरीक्षक, देवस्थान विभाग, अलवर।

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