केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत मेडिकल कॉलेज खुलने से जिले के साथ ही आसपास के क्षेत्रों को जल्द ही सुपर स्पेशिलिटी मेडिकल सेवा मिलना संभव हो जाएगा। अलवर में अभी जिला अस्पताल है, लेकिन चिकित्सा सेवाएं सीएचसी स्तर की है। जबकि यहां मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। अलवर सामान्य चिकित्सालय में इस वर्ष एक जनवरी से 27 जून तक 4 लाख 64 हजार 76 मरीज ओपीडी में इलाज करा चुके हैं।
मेडिकल कॉलेज खुलने से ये होगा लाभ: मेडिकल कॉलेज खुलने से विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा मिलेगी। अभी तक यहां विशेषज्ञ चिकित्सक सुविधा उपलब्ध नहीं है। मेडिकल कॉलेज खुलने पर अलवर में कार्डियालॉजी, न्यूरोलॉजी, गेस्ट्रो एंट्रोलॉजी, रेस्पेरटरी मेडिसन, एंडो क्राइनोलॉजी, रूमेटोलॉजी, हिमेटोलॉजी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी सहित अन्य सेवा मिल सकेंगी।
इन बीमारियों का हो सकेगा इलाज अलवर में मेडिकल कॉलेज खुलने से हृदयरोग, दिमाग के रोग, पेट,लीवर, श्वांस रोग, फेफड़े के रोग, अंत:स्रावी ग्रंथियों से जुड़े रोग थाइराइड, डायबिटिज, जोड़ व वात रोग, खून सम्बन्धी रोग, एक्सरे, सिटी स्कैन, एमआरपी, सोनोग्राफी, ब्लड टेस्ट, बायोस्पी, कैंसर रोग, गुर्दा रोग, पेशाब सहित अन्य गंभीर रोगों का इलाज स्थानीय स्तर पर संभव हो सकेगा। मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद चिकित्सक शिक्षकों का भी मरीजों को इलाज में लाभ मिल सकेगा।
कम खर्च में बेहतर इलाज सबसे बड़ा फायदा लोगों को सस्ते इलाज का होगा। मेडिकल कॉलेज में सभी रोगों का उच्च स्तरीय इलाज संभव होगा। सरकारी योजना के तहत दवा व जांच नि:शुल्क होने से लोगों पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।
हजारों लोगों की बच सकेगी जान मेडिकल कॉलेज खुलने से जिले एवं आसपास के क्षेत्रों के बड़ी संख्या में लोगों की जान बचना संभव होगा। अभी गंभीर बीमारों को दिल्ली, गुडगांवा, जयपुर आदि बड़े शहरों में ले जाना पड़ता है। इन शहरों तक पहुंचने में कम से कम तीन घंटे का समय लगता है। इस दौरान मरीज की सांस अटकी रहती है। अलवर में मेडिकल कॉलेज खुलने पर शहर के लोग 15 से 20 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आधे से एक घंटे में अलवर पहुंचकर इलाज करा सकेंगे।