पांडुपोल मेले के लिए सरिस्का प्रशासन ने उमरी तिराहे से पांडुपोल मंदिर तक श्रद्धालुओं पर नजर रखने एवं उन्हें वन्यजीव से दूर रखने के लिए 20 होमगार्ड जवान व 7 वनकर्मियों की तैनाती की जाएगी। वहीं बालेटा से उमरी तिराहे क्षेत्र के नोडल अधिकारी एसीएफ अकबरपुर रहेंगे, टहला से कालीघाटी तक के लिए एसीएफ टहला तथा सरिस्का मुख्य गेट से उमरी तिराहे क्षेत्र के लिए एसीएफ सरिस्का नोडल अधिकारी होंगे।
मानव और वन्यजीव संघर्ष पर विशेष ध्यान सरिस्का प्रशासन का मुख्य ध्यान मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाओं पर रहेगा। इसी के चलते सभी नोडल अधिकारियों व वनकर्मियों को विशेष चौकसी के निर्देश दिए गए हैं। होमगार्ड व वनकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि लोगों को जंगल में जाने से रोकें तथा वन्यजीव खासकर बाघ व पैंथरों के मूवमेंट को श्रद्धालुओं से दूर रखें। वहीं पानी वाले क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया जाए। इसके लिए करनाका बास सहित अन्य जलस्रोतों पर विशेष चौकसी के निर्देश दिए गए हैं।
मेले के दौरान सरिस्का में गंदगी फैलाने पर रोक रहेगी। मेले के दौरान भण्डारा व प्रसाद आदि बेचने वाले गंदगी नहीं फैलाएंगे और कचरे को साफ कर सरिस्का से बाहर निस्तारण करेंगे। भण्डारा करने वालों पर गंदगी को लेकर विशेष निगाह रखी जाएगी।
इसलिए पैदल चलने पर रहेगी रोक पांडूपोल मंदिर से पहले यात्रियों के पैदल चलने पर रोक रहेगी। प्रशासन ने इसके लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था की है। प्रशासन का कहना है कि मंदिर का रास्ता सरिस्का जंगल से होकर निकलता है। ऐसे में यात्रियों के लिए पैदल चलना खतरनाक हो सकता है। वहीं कई यात्री सरिस्का में प्रवेश करने के बाद जंगल में जा सकत हैं। इसलिए कोई अनहोनी ना हो, इसके लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था की गई है। कोई भी यात्री पैदल नहीं जाएगा, ना ही अपने निजी वाहनों का उपयोग कर सकेगा।
आने-जाने को रहेंगी बसें पाण्डुपोल मेले के लिए सरिस्का प्रशासन ने 20 रोडवेज बसों की मांग की है। इनमें 15 रोडवेज बसें सरिस्का के मुख्य गेट तथा पांच बसें टहला से श्रद्धालुओं को लाने व ले जाने का कार्य करेंगी। श्रद्धालु सरिस्का में उमरी तिराहे तक रोडवेज बसों से ही आ व जा सकेंगे। मेले में दो पहिया व चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा।
मेले में चौकसी के निर्देश पाण्डूपोल मेले में पूर्ण चौकसी के निर्देश वनकर्मियों व होमगार्ड जवानों को दिए गए हैं। चौकसी के लिए होमगार्ड व वनकर्मियों की तैनाती की गई है।
सेढूराम यादव, डीएफओ सरिस्का बाघ परियोजना
सेढूराम यादव, डीएफओ सरिस्का बाघ परियोजना