आबादी क्षेत्र में जाने का खतरा सरिस्का से बाहर निकलने से बाघों के आबादी क्षेत्र की ओर रुख करने का भी खतरा है। पूर्व में अलवर बफर रेंज का बाघ जयसमंद बांध के आसपास कई दिनों तक रहा। वहीं यह बाघ अब किशनगढ़बास से होते हुए खैरथल तक पहुंच गया। इन क्षेत्रों के आसपास आबादी क्षेत्र है, जिससे बाघ आबादी क्षेत्र की ओर भी रूख कर सकता है। हालांकि पूर्व भी सरिस्का के बाघ आबादी क्षेत्र में पहुंच चुके हैं, लेकिन मानवीय हानि नहीं पहंचाई।
अनुमति मिले तो सुरक्षित जंगल में आए बाघ
सरिस्का से बाहर निकले बाघों को वापस सुरक्षित जंगल में लाने की जरूरत है। इन बाघों को रेस्क्यू कर वापस सरिस्का लाया जा सकता है, इसके लिए एनटीसीए एवं राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है। अनुमति के इंतजार में सरिस्का के बाघ अभी बाहरी क्षेत्रों में ही घूम रहे हैं।
रणथंभोर की याद न हो जाए ताजा रणथंभोर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 70 से ज्यादा है। इस कारण वहां बाघों के बीच संघर्ष की घटनाएं होती रही हैं। आपसी संघर्ष के कारण कई बाघ रणथंभोर के जंगल से बाहर निकल चुके हैं। हालांकि सरिस्का टाइगर रिजर्व में अभी बाघों की संख्या रणथंभोर से आधी से कम है, लेकिन यहां भी बाघों के सरिस्का से बाहर निकलने की घटनाएं बढ़ने लगी है।