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अलवर

फ्री गैस कनेक्शन के बाद भी गांव नहीं हो रहे धुआं मुक्त

सरकार सरिस्का टाइगर रिजर्व में बसे और आसपास के गांवों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दे रही है, लेकिन सरिस्का क्षेत्र में तीस फीसदी भी लोग गैस सिलेंडर नहीं उठा रहे। इससे न गांव हुए धुआं मुक्त और न ही हरे पेड़ों की कटाई रुकी। जबकि सरकार को सरिस्का टाइगर रिजर्व के आसपास गांवों को फ्यूल वुड फ्री विलेज स्कीम के तहत बनाना था धुआं मुक्त। सरकार ने 50 और 100 प्रतिशत सब्सिडी पर ग्रामीणों को गैस कनेक्शन भी दिए।

अलवरJan 24, 2024 / 11:41 pm

Prem Pathak

फ्री गैस कनेक्शन के बाद भी गांव नहीं हो रहे धुआं मुक्त

फ्री गैस कनेक्शन के बाद भी गांव नहीं हो रहे धुआं मुक्त

शुद्ध प्राण वायु और हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी की मार रोकने के लिए सरकार ने सरिस्का टाइगर रिजर्व एवं आसपास के ग्रामीणों को फ्यूल वुड फ्री विलेज स्कीम के तहत नि:शुल्क से लेकर रियायती दर पर गैस कनेक्शन दिए, लेकिन यह योजना ग्रामीणों को पूरी तरह रास नहीं आई। नतीजतन न सरिस्का के आसपास के गांव धुंआ मुक्त हो सके और न ही जंगल में हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी का चलना रूक पाया। प्राण वायु पर भी संकट के बादल मंडराते रहे।
मुख्यमंत्री घोषणा के तहत सरिस्का टाइगर रिजर्व के अंदर एवं आसपास के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को फ़यूल वुड फ्री विलेज स्कीम के तहत सब्सिडी पर गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए थे। सरकार ने एक दशक में 70 हजार से ज्यादा गैस कनेक्शन जारी किए। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य था कि सरिस्का एवं आसपास के गांव धुआं मुक्त हो तथा जंगलों में हरे पेड़ों की कटाई रूक सके। इतनी बड़ी संख्या में नि:शुल्क गैस कनेक्शन मिलने के बाद भी सरिस्का व आसपास के गांवों को अभी धुआं मुक्त होने का इंतजार है।
रियायती दर पर सिलेंडर के बाद भी 30 फीसदी रिफलिंग

सरकार की ओर से सरिस्का एवं आसपास के गांवों में जारी कनेक्शनों के लिए रियायती दर पर गैस सिलेंडर मुहैया कराने का प्रावधान है, यानी रसोई गैस सिलेंडर की बाजार से आधे से भी कम में सरकार इन परिवारों को गैस सिलेंडर उपलअध करा रही है, फिर भी तीस फीसदी से कम ग्रामीण रसोई गैस सिलेंडर उठा रहे हैं। शेष रसोई गैस कनेक्शनों पर रियायती गैस सिलेंडरों का उठाव नहीं हो पा रहा है।
गैस सिलेंडर का उठाव नहीं, घर में जल रहे चूल्हे

सरिस्का टाइगर रिजर्व के गांव तथा आसपास बसे गांवों में महज तीस फीसदी ही रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी पर उठ पा रहे, लेकिन इन गांवों में बसे हजारों परिवारों में चूल्हे दोनों समय जल रहे हैं। यानी इन गांवों में दैनिक घरेलू कामकाज अभी चूल्हों पर हो रहा है। इन गांवों में चूल्हे जलाने के लिए लकडि़यां उपयोग में ली जा रही है। संभवत: ये लकडि़यां सरिस्का एवं आसपास के क्षेत्रों में हरे पेड़ों की कटाई से उपलब्ध हो पा रही है।
लाखों रुपए की सब्सिडी, गांव भी धुआं मुक्त नहीं

सरकार सरिस्का एवं आसपास के गांवों को धुआं मुक्त करने के लिए हर महीने लाखों रुपए की सब्सिडी मुहैया करा रही है, लेकिन गांव अभी पूरी तरह धुआं मुक्त नहीं हो पाए हैं। इससे सरिस्का में हरी लकडि़यों की कटाई की समस्या बरकरार है।
इसलिए है गांवों को धुआं मुक्त करना जरूरी

गांवों को धुआं मुक्त करने की जरूरत इसलिए है कि सरिस्का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर का इकलौता टाइगर रिजर्व है। यहां का जंगल पूरे एनसीआर के लिए प्राणवायु का कार्य करता है, यदि यहां हरे पेड़ों की कटाई से जंगल नष्ट हुआ तो पूरे एनसीआर में प्राण वायु का संकट खड़ा हो सकता है।
सरिस्का क्षेत्र में जारी कनेक्शनों की फैक्ट फाइल
वर्ष जारी गैस कनेक्शन
2010-11 1000

2012-13 5000
2013-14 10000

2015-16 5000
2016-17 18110

2017-18 18852
2017-19 13646

कुल 71648

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