करीब आधा किलोमीटर चौडाई और 5 फीट गहराई वाली यह नदी जब परवान पर होती थी तो नदी के दोनों तरफ के रास्ते बन्द हो जाते थे। इसे नीयती की मार कहे या सरकारी अनदेखी कि नदी का भराव क्षेत्र अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया, चंद रुपयों के लालच में लोगों ने साबी नदी के भराव क्षेत्र की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया। देखते ही देखते नदी में पानी की आवक के रास्ते रुक गए और जिले की जीवनदायिनी साबी नदी सिकुड़ कर नाले के रूप में तब्दील हो गई।
पहले उफनती थी, अब पानी के लिए तरसती है पहले बारिश के दिनों में पानी की इतनी आवक होती थी कि साबी नदी एक महीने तक बहती रहती थी। अब हालत यह है कि कितनी भी तेज बारिश हो, लेकिन साबी नदी में बहकर चलने लायक पानी भी एकत्र ही नहीं हो पाता।
यही कारण है कि पहले बहरोड़, फिर नीमराणा और अब पूरा अलवर जिला डार्क जोन की चपेट में आ चुका हैं।
यही कारण है कि पहले बहरोड़, फिर नीमराणा और अब पूरा अलवर जिला डार्क जोन की चपेट में आ चुका हैं।
भराव क्षेत्र में कट गए पेड़, जमीन पर काट दिए भूखंड जानकारों का कहना है कि पूर्व में नदी के भराव क्षेत्र में बड़ी संख्या में पेड़ थे, जिन्हें काट दिया गया। इतना ही नहीं भराव क्षेत्र व पानी की आवक के रास्तों में लोगों ने खेती के लिए प्लाट काट लिए। इन कारगुजारी का ही नतीजा है कि अब मानसून में साबी नदी का उफान देखने को नहीं मिलता। यह उसी जीवनदायिनी नदी का हाल है जिसके बारे में पहले यह कहावत थी कि अकबर बांधी ना बधुं ना रेवाड़ी जाऊ कोट तला के निकली साबी नाम कहाऊ।
नदी का निकास अजीतगढ़ से साबी नदी शाहपुरा तहसील के अजीतगढ़ अमरसर की पहाडिय़ों से निकलकर उत्तरपूर्व की ओर दादू का, नंगली बास, जोधपुरा, कोटपूतली, चतुर्भुज से हरियाणा में प्रवेश कर यमुना में मिलती है। यह नदी वर्तमान में अलवर जिले के बानसूर व जयपुर के कोटपूतली के मध्य सीमा रेखा बनाती हुई दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है। नगदी बास, सियसावास, बामनवास, चतुर्भुज व टापरी गांव नदी के किनारे बसे हैं।
संकट में है नदी जयपुर के शाहपुरा से कोटपूतली, अलवर से हरियाणा में प्रवेश कर यमुना नदी में मिलने वाली नदी का करीब आधा किलोमीटर चौड़ाई भाग का अस्तित्व संकट में हैं। जबकि नदी के किनारे बसे सोड़ावास, माजरी खोला, करनीकोट, मुण्डंवाडा, बीजवाड़, भजनवास, क्यारा, नालपुर, दूनवास सहित अनेक गांवों के लोग नदी के विकराल रूप से बचाव के लिए साबी माता की नौती मांगते थे और नारियल की भेंट चढ़ाते थे।
देंगे निर्देश साबी नदी क्षेत्र मे किए गए अतिक्रमण व अवैध रूप से फसल उगाने के मामलो में सर्वे करवा कर नियमानुसार कानूनी के लिए तहसीलदार व पटवारियों को निर्देश दिए जाएंगे।
सुभाष यादव, उप जिला कलक्टर बहरोड़
सुभाष यादव, उप जिला कलक्टर बहरोड़