सितम्बर 2015 में उनके सभापति बनने के बाद सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया। सबको विश्वास में लिया और परिणाम सबके सामने हैं कि डूंगरपुर में हुए बदलाव को देखने के लिए पूरे देश ही नहीं विदेशों से भी लोग आने लगे हैं।
नगर परिषद डूंगरपुर को पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त करने पर सरकार ने 5 करोड़ रुपए का बजट दिया है। इस राशि से सेंक्चुरी पार्क विकसित किया जाएगा। योगशाला में आने वालों को एक ग्लास दूध भी निशुल्क मिलता है।
विकास के लिए पैसा भी नगर परिषद के स्तर पर जुटाया डूंगरपुर में नगर परिषद के जरिए जलदाय विभाग को कई हजार लीटर पानी दिया जाता है। बेरोजगारों को रोजगार का प्रशिक्षण, सीसी टीवी कैमरे, शहीद स्मारक बनाया, अन्तरराष्ट्रीय स्तर की ओपन जिम, म्यूजियम, धर्मशालाएं, नेकी की दीवार, घर-घर से कचरा संग्रहण, गोवंश के लिए रोज 6 हजार रोटी एकत्रित करना, एक-एक वार्ड से अनुपयोगी सामग्री जुटा जरूरतमंदों को देना, मैरिज होम बनाए, 24 घण्टे में रोडलाइट सही, पार्क विकसित किए, प्लास्टिक बैग पर पूर्ण पाबंदी, दीवारों पर पोस्टर नहीं व लावारिस पशु नहीं होने जैसे अनेक कार्य गिनाए। इतने विकास के लिए पैसा भी नगर परिषद के स्तर पर जुटाया है।
खासकर खाली भूखण्डों का नियमन जरूरी करने व 90बी कराने के बावजूद उनका उपयोग नहीं होने पर पेनल्टी लगाकर करोड़ों रुपया राजस्व जुटाया गया। जनप्रतिनिधि सुधर जाएं उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिध सुधर जाएं। वे चाहें तो शहर को अति सुन्दर बना सकते हैं। बशर्ते उनका काम करने का मन हो। अलवर में पॉलिथीन जगह-जगह कचरे में रूप में पड़़ी है। पार्क वीरान पड़े हैं। कर्मचारियों के काम नहीं करने का बहाना नहीं बनाएं। खुद काम करने का मन बना कर उतर जाएं। कर्मचारियों को तो पीछे-पीछे आना पड़ेगा। विकास करने में वार्डों को भाजपा-कांग्रेस में नहीं बांटा जाए।
अधिकारियों को दिए निर्देश ब्रांड एम्बेसडर गुप्ता की अध्यक्षता में प्रताप ऑडिटोरियम में स्वच्छता विषय पर नगर निकाय के प्रतिनिधियों की बैठक हुुई। जिसमें डूंगरपुर नगर परिषद की ओर से स्वच्छता पर अनोखे नवाचारों पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई। गुप्ता ने नगर निकायों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर उनके कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति के माध्यम से प्रारम्भ किए गए किार्य में सफलता निश्चित होती है।