रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक आदित्य कुमार शर्मा इस अभियान के नोडल प्रभारी बनाए गए हैं। इसके लिए रामगढ़, अलवर और कठूमर उपखंड अधिकारियों से वे व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें पत्र सौंप चुके हैं। इस मामले में रामगढ़ में कई सरकारी जमीन सामने आई हैं जिनका मौका मुआयना किया जाएगा। इसी प्रकार कठूमर में भी ऐसे औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए सरकारी जमीन मिल सकती है। अलवर जिले के रैणी, कठूमर, रामगढ़ व लक्ष्मणगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र नहीं है जिन्हें विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही है। इसी प्रकार बानसूर में कमेटी मौका मुआयना कर चुकी है।
एग्रो आधारित उद्योग लगाने की कवायद- चुनावी सभा में कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अलवर ग्रामीण क्षेत्र में एग्रो आधारित उद्योग लगाने की घोषणा की थी। इस वायदे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने अलवर ग्रामीण में भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की संभावनाओं को तलाशना शुरू कर दिया है। इसके लिए पर्याप्त सरकारी जमीन देखी जा रही है। इस बारे में जमीन की सूचना मिलने पर रीको की राज्य स्तरीय कमेटी यहां आकर मौका मुआयना करेगी।
हम संभावनाओं को तलाश रहे- अलवर जिले में उद्योगों के विकास की संभावनाएं काफी अधिक है। जिन क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं हो सके हैं, वहां हम जमीन तलाश कर रहे हैं। यदि हमें जमीन मिलती है तो अगली कार्रवाई शुरू होगी।
-आदित्य कुमार शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, रीको अलवर। अलवर जिले में कुल उद्योग- 20 हजार लघु, मध्यम व वृहद इतने लोगों को रोजगार- 6 लाख 11 हजार। प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र- भिवाड़ी, नीमराणा, शाहजहांपुर, एमआईए, बहरोड़, खैरथल, राजगढ़, खेरली, थानागाजी, पुराना औद्योगिक क्षेत्र आदि।