रिजल्ट आने के बाद पत्रिका ने आदित्य से बात की। उसने बताया कि वह नियमित रूप से हर रोज 6 घंटे पढ़ाई करता था। उसने आगे बताया कि वह 90 फीसदी से अंक लाना चाहता था और उसने अपना लक्ष्य हासिल करके ही दिखाया। उसे 98.67 फीसदी अंक मिले हैं। आदित्य ने बताया कि उसकी एक छोटी बहन है जो अभी आठवीं में पढ़ रही है।
आदित्य ने आगे बताया कि अभी उसने तय नहीं किया है कि वह क्या बनना चाहता है, लेकिन उसकी चाहत है कि वह डॉक्टर बने। उसने बताया कि पेरेंट्स के साथ-साथ स्कूल के टीचर्स उसके रोल मॉडल हैं।
पत्रिका से बातचीत करते हुए आदित्य के चाचा ने बताया कि जब आदित्य चौथी कक्षा में था, तब उसके माता-पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। तब से वह उनके पास ही रहकर पढ़ाई कर रहा था।